कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी दुनिया में जंग जारी है। इस बीच, मानवजाति के लिए सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी इस संक्रामक बीमारी को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमित मास्क, बैंक नोट, स्टील के बर्तन और प्लास्टिक की चीजों पर 4 दिन से 1 हफ्ते तक रह सकता है। यही कारण है कि लोगों को बार-बार अपने हाथ साफ करने और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, कोरोना वायरस के इलाज के लिए भारत समेत पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक इलाज नहीं मिला है। इसलिए सावधानी ही जरूरी है।
ताजा अध्ययन की बड़ी बातें
यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के वैज्ञानिकों ने किया है। हांगकांग से निकलने वाले अखबार साउथ चाइना पोस्ट के अनुसार, इस अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस स्टील के बर्तनों और प्लास्टिक की सतह पर चार दिन तक रह सकता है। वहीं संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए मास्क पर यह घातक वायरस 7 दिन तक रह सकता है। यही कारण है कि मास्क का उपयोग करने के बाद नष्ट करने की सलाह दी जाती है। हर व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि यदि मास्क गीला हो गया है तो उसे तत्काल उतारकर डस्टबिन में फेंक देना चाहिए। इन मास्क को किसी भी स्थिति में दोबारा उपयोग में नहीं लाया जाना चाहिए।
ऐसे घोंटा जा सकता है कोरोना वायरस का दम
इस रिपोर्ट के अनुसार, थोड़ी सावधानी बरती जाए तो कोरोना वायरस का खात्मा किया जा सकता है। घर में इस्तेमाल होने वाले क्लिनर, ब्लीच और साबुन का उपयोग किया जाए तो बर्तनों और प्लास्टिक की सतहों को संक्रमण मुक्त किया जा सकता है।
और कहां कितनी देर जिंदा रहता है कोरोना वायरस
यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ विभाग के लिओ लिटमैन और मलिक पेरिस के अनुसार, अध्ययन में यह भी जानने की कोशिश की गई कि कोरोना वायरस किस तरह के तापमान में किन-किन चीजों पर कितनी देर जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कागज जैसे अखबार और टिशू पेपर पर तीन घंटे में ही यह वायरस मर जाता है। हालांकि, यह इस पर भी निर्भर करता है कि बाहर का तापमान क्या है। इसी तरह लकड़ी और कपड़ों पर यह चंद सेकंड में खत्म हो जाता है। ग्लास और बैंक नोट पर चार दिन वायरस जिंदा पाया गया है।
डॉक्टरों के लिए खास संदेश
अध्ययन में सलाह दी गई है कि जहां तक संभव हो, लोग सर्जिकल मास्क पहनें (खासतौर पर डॉक्टर और नर्सें) और किसी दूसरे मास्क न छूए। यूं तो डॉक्टर सभी तरह की सावधानियां बरतते हैं, लेकिन रिपोर्ट में उनके लिए लिखा गया है कि वे बार-बार अपनी आंखों को न छूएं।
लिओ लिटमैन और मलिक पेरिस के अनुसार, वॉशिंग यानी बार-बार हाथ धोना या उन चीजों को साफ करना, जिनका इस्तेमाल कर रहे हैं, यही सबसे बड़ी सावधानी है। हाथ साफ किए बगैर नाक और मुंह को बिल्कुल न छुएं। यह सलाह भी दी गई है कि बाहर से आने वाली चीजों को कुछ देर रखे रहने दें, फिर उन्हें साफ करें और इस्तेमाल करें। इससे वायरस को खत्म करने में मदद मिलेगी।