अगर आप फैमिली प्लानिंग कर चुके हैं, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद नतीजे नहीं आ रहे हैं, तो इसका कारण आपकी कुछ गलत आदतें हो सकती हैं। कई दवाईयां और इलाज कराने के बाद भी अगर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो इसका कारण आपकी वो आदते हैं, जिसे आपने अपने जीवनशैली में शामिल कर लिया है। जी हां, आपकी कई ऐसी आदतें होती है, तो स्पर्म (sperm count) की मात्रा कम होने का कारण बनती है।  यदि आप भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं या फिर आज ही अपनी इन आदतों में बदलाव कर लें। चलिए जानते हैं उन आदतों के बारे में

कार्बोनेटिड ड्रिंक्स

कार्बनडाई ऑक्साइड से भरी ड्रिंक्स  का सेवन अगर आप करते हैं, तो इसका सेवन करना आज ही छोड़ दें। ये ड्रिंक्स स्पर्म काउंट को कम धीरे-धीरे कम कर रही हैं। इतना ही नहीं, बीयर पीने वालों को भी इस तरह की समस्या होती है। क्योंकि ऐसे ड्रिंक्स में शुगर की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसके कारण स्पर्म (Low Sperm Count) बनना धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।

मोबाइल से निकलती है रेडिएशन

बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो अपने पैंट की जेब में फोन रखते हैं। लेकिन ये आदत बहुत ही गलत है, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आज ही बदल लें। क्योंकि ऐसा करने से फोन से निकलने वाली खतरनाक रेडिएशन आपके स्पर्म काउंट को कम करती है। कई स्टडी में इस बात का दावा किया जा चुका है। स्टडी में बताया गया है कि पैंट की जेब में फोन रखने से स्पर्म काउंट 9 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

पैरों पर लैपटॉप रखकर काम करना 

कई छपी में इस बात को बताया गया है कि ‘टेस्टिकल्स यानी अंडकोष शरीर के तापमान से लगभग दो डिग्री ठंडे रहने चाहिए।’ इसका मतलब यह है कि अगर आप अपनी अपने पैरों पर लैपटॉप रखकर काम करते हैं, तो इससे लैपटॉप की गर्म हवाओं से आपके स्पर्म मर सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञों द्वारा लैपटॉप टेबल पर रखकर काम करने की सलाह दी जाती है।

गर्म पानी से नहाना

गर्म पानी से नहाने वाले पुरुषों के स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है। जिस तरह से लैपटॉप की हवाओं से स्पर्म पर असर पड़ता है, ठीक उसी तरह गर्म पानी से नहाने वालों के स्पर्म पर भी असर पड़ता है।

नींद की कमी

दिमाग और शरीर को जिस तरह से आराम करने की जरूरत होती है। ठीक उसी तरह पुरुषों के स्पर्म को भी आराम की आवश्यकता होती है। स्पर्म काउंट को बेहतर करने के लिए सात से आठ घंटे की नींद जरूरी है। इसके साथ-साथ कई योगासन से भी स्पर्म काउंट को ठीक किया जा सकता है।