लुधियाना। कोरोना वायरस ना फैले इसलिए पूरे देश में पिछले दो माह से लॉकडाउन जारी है। पंजाब में क‌र्फ्यू लगा दिया गया था। लोग अपने अपने घरों में बंद थे। सब कुछ बंद होने के कारण शहर की आबोहवा भी काफी साफ थी। ऐसे में लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई और उन्हें दर्द निवारक दवाओं की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, बाद में लोगों की समस्या को देखते हुए सरकार ने सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी आपरेशन करने की ही छूट दी। ओपीडी सेवाएं शुरू की परंतु कोरोना के डर से लोग अस्पतालों में नहीं पहुंचे। अधिकांश मरीज डॉक्टरों से फोन पर ही बात करके इलाज करते रहे। अधिकांश लोग पुरानी पर्चियों के सहारे ही दवा लाते रहे। 

मार्च के अंतिम सप्ताह में दवा विक्रेताओं को दुकानें खोलने की छूट मिली तो लोगों ने घरों में दवाइयों का स्टाक जमा कर लिया। अप्रैल में ट्रासपोर्ट पूरी तरह से ना खुलने से होलसेल दवा विक्रेताओं को भी किल्लत का सामना करना पड़ा। कोरोना के संकट में दवा मार्केट भी इससे अछूती नहीं रही। हालांकि जीवन रक्षक दवाइयों की बिक्री पर असर नहीं पड़ा लेकिन जनरल दवाइयों की सेल का ग्राफ तेजी से गिरा। बीपी, शुगर, हार्ट, श्वास रोगों व किडनी की दवाइयों की बिक्री में उछाल दर्ज हुआ। हालांकि पुरानी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री बेअसर रही। एंटी बायोटिक्स, दर्द निवारक, पेट दर्द, एंटी डायरिया, पेट, गैस और मल्टी विटामिन की दवाइयों की सेल का ग्राफ गिरा। दवाइयों की होलसेल दिलकुशा मार्केट ने जनवरी में करीब 45.2 करोड़ रुपये की सेल की थी जो मई में तकरीबन 20.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

इन दवाओं की बिक्री घटी

एंटी बायोटिक्स : 38 फीसद, दर्द निवारक दवा : 30 फीसद, मल्टी विटामिन दवाइयां : 23 फीसद, पेट गैस की दवाइयां : 18 फीसद, जनरल आई ड्राप्स : 15 फीसद इन दवाओं की सेल बढ़ी, प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां : 27 फीसद, एंटी डिप्रेशन दवाएं : 15 फीसद, एंटी मलेरिया दवा : 38 फीसद, एंटी एलर्जी व चर्म रोगों की दवा : 08 फीसद, दिल, शुगर और श्वास रोगों की दवा : 25 फीसद दवाओं की बिक्री में गिरावट आई है। स्वच्छ पर्यावरण व लोगों के घरों में रहने से दिल की बीमारियों के मरीजों में 22 फीसद तक गिरावट आई। वाहन व फैक्ट्रिया बंद होने से सड़क हादसे व प्रदूषण से निजात मिली। इसी कारण दर्द निवारक व एंटी बायोटिक्स दवाइयों की जरूरत लोगों को कम पड़ी। अस्पतालों में ऑपरेशन ओपीडी बंद थी और अब शुरू होने से दवाइयों की खपत बढ़ेगी।