हल्द्वानी (उप्र)। डिप्लोमा फार्मासिस्टम एसोसिएशन की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। साथ ही महानिदेशक को एसोसिएशन के चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। नए आदेश का संगठन सदस्यों ने स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि इससे संगठन में पांच सालों से चल रहा लंबा विवाद खत्म हो जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2015 के बाद से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन में विवाद हो गया था। इसके बाद से संगठन के चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में अब डिप्लोमा फार्मासिस्टों की दो यूनियन हो गई हैं। दोनों ही यूनियनों के सदस्यों ने खुद ही चुनाव आयोजित कर अपनी-अपनी कार्यकारिणी गठित कर दी। दोनों ही संगठन खुद को असली बताते रहे हैं। ऐसे में शासन ने पूर्व में दोनों ही संगठनों से अपनी वैधानिकता के दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एसपी सेमवाल व महामंत्री पवन पांडे ने बताया कि इस मामले में निर्णय लेते हुए शासन ने अब दोनों ही डिप्लोमा फार्मासिस्टों की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। महानिदेशक को आदेश दिए गए हैं कि समूह क श्रेणी के विभागीय पर्यवेक्षक की देखरेख में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के संविधान के अनुरूप नया चुनाव करवाए जाएं। दोनों ने ही इसे संगठन की पुरानी मांग बताते हुए अपनी जीत करार दिया और कहा कि शासन का यह निर्णय स्वागत योग्य है। वह चुनाव की लोकतांत्रित प्रक्रिया के जरिए संगठन सदस्यों का विश्वास हासिल करेंगे।