नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए कोविड-19 वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हो गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल पर अंतिम मंजूरी दे दी है। इससे पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश भारत के औषधि नियामक से की थी। डीसीजीआई की ओर से मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है।

गौरतलब है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल आपात स्थिति में कोरोना के मरीजों के लिए किया जा सकेगा। लेकिन सरकार ने इस वैक्सीन को बाहरी देशों के बेचने पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया है। सीरम इंस्टिट्यूट अपनी इस वैक्सीन का निर्यात किसी दूसरे देश या प्राइवेट बाजार में नहीं कर सकेगा। ये जानकारी अदार पूनावाला ने दी है, जो सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ हैं। अदार पूनावाला ने बताया, ”कंपनी कोवैक्सीन के करीब 30 से 40 करोड़ डोज बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट की प्रोसेज में है। जिसकी शुरुआती 10 करोड़ डोज भारत सरकार के लिए रिजर्व हैं। जिसका स्पेशल प्राइज रखा गया है. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 200 रुपए है। उसके बाद इस वैक्सीन की कीमत और अधिक बढ़ जाएगी।

प्राइवेट मार्केट में इसकी एक डोज की कीमत 1 हजार रुपए रहेगी। बस एक बार भारत सरकार से डील फाइनल हो जाए, उसके बाद प्रत्येक राज्य में वैक्सीन पहुंचा दी जाएगी। इस साल के अंत तक सीरम इंस्टिट्यूट 20 करोड़ से 30 करोड़ के बीच डोज बनाकर तैयार कर लेगा। अदार पूनावाला ने आगे कहा ”हम सभी को कोरोना वैक्सीन नहीं लगा सकते लेकिन हम इस समय प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कर सकते हैं। सीरम इंस्टिट्यूट बांग्लादेश, सऊदी अरबी और मोरक्को जैसे देशों से भी डील कर रहा है।

तो वहीं अदार पूनावाला ने बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन जिसे सीरम इंस्टिट्यूट ने मैन्युफैक्चर किया है, उसे अगले कुछ महीने तक किसी भी दूसरे देश को नहीं बेचा जा सकेगा। रविवार के दिन ही इस वैक्सीन को DCGI द्वारा इस शर्त पर ही अनुमति दी गई है। एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा ‘हम इस समय केवल और केवल भारत सरकार को ही अपनी वैक्सीन बेच सकते हैं। दरअसल सीरम इंस्टिट्यूट ने विकासशील देशों के लिए 1 करोड़ कोरोना वैक्सीन बनाने का ठेका लिया हुआ है। चूंकि अब भारत सरकार द्वारा कोविशील्ड के निर्यात पर बैन लगा दिया गया है इसलिए उन देशों को अपने यहां भारत से वैक्सीन मंगाने में कुछ वक्त लगा सकता है।