हैदराबाद। देश में कोरोना वैक्सीन से वैक्सीनेशन तो शुरू हो चुका है लेकिन आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टरों में भी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का डर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं कई डॉक्टरों ने तो वैक्सीन लगवाने से ही मना कर दिया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की सामने आई कई खबरों के बीच कई डॉक्टरों ने ही टीकाकरण से इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में डॉक्टरों के एक समूह ने अपने वरिष्ठों को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि वे मौजूदा दोनों वैक्सीन से टीकाकरण नहीं कराना चाहते हैं। उन्होंने इससे बेहतर विकल्प के लिए इंतजार करने की बात कही है।
दरअसल तेलंगाना इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ऐंड रीसर्च (टीआईएमएस) में 67 लाभार्थियों ने वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने भी यही बात कही कि वे बेहतर टीके का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद कई प्रतिकूल घटनाएं हुई हैं, इसलिए वे इसे नहीं लेना चाहते हैं। एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि जो भी टीके अभी उपलब्ध हैं, उनके विपरीत प्रभाव सामने आ रहे हैं। इनमें से एक तो अभी अंडर ट्रायल है। ऐसे में मैं बेहतर वैक्सीन के लिए थोड़ा इंतजार करना पसंद करूंगा। बता दें कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स को टीकाकरण के योग्य बताया गया है।
गौरतलब है कि उस्मानिया जनरल अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी ने कहा कि देश में फिलहाल दो टीके मौजूद हैं। दोनों का सीमित प्रभाव है। अगर मैं अभी कोई वैक्सीन लेता हूं तो निकट भविष्य में मैं कोई और वैक्सीन नहीं ले पाऊंगा, जो मौजूदा वैक्सीन की तुलना में बेहतर हो सकता है। उन्होंने बताया कि 6 टीकाकरण केंद्रों के लिए सूचीबद्ध 600 लाभार्थियों में से सिर्फ 200 लोगों ने ही मंगलवार को टीका लगवाया। अस्पताल के अधीक्षक बी नागेंद्र ने कहा कि कर्मचारियों में बहुत झिझक थी लेकिन उम्मीद है कि आगे यह हालात बेहतर होंगे। दरअसल कई डॉक्टरों ने देशभर में वैक्सीन के साइड इफेक्ट की सामने आई खबरों का हवाला देकर वैक्सीनेशन कराने से मना कर दिया है। उन्होंने वैक्सीन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है। इसका ही असर था कि मंगलवार के दिन हैदराबाद के कई वैक्सीनेशन सेंटर्स पर सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारियों ने बताया कि पूरे तेलंगाना में अब तक 22 हजार से ज्यादा लाभार्थियों ने वॉलन्ट्री जैब से इनकार कर दिया है।