जींद। शहर के एक प्राइवेट अस्पताल द्वारा एमटीपी एक्ट का उल्लंघन किया गया है। इस स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पताल को नोटिस देने की तैयारी शुरू कर दी है। नोटिस के बाद यदि स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट अस्पताल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो फिर अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को सील करने और लाइसेंस को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। मामले के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी शहर में बस स्टैंड के पास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में एक महिला का गर्भपात किया जा रहा है।

अस्पताल को विशेष परिस्थिति में 12 सप्ताह तक ही गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड कर गर्भपात करने की परमिशन है। जबकि जिस महिला का गर्भपात किया जाना है वह 18 सप्ताह की गर्भवती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से भी संबंधित अस्पताल द्वारा कोई परमिशन नहीं ली गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में जांच की तो 18 सप्ताह की गर्भवती महिला जिसके पेट में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी गर्भपात किया हुआ मिला। इस दौरान अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रर में गर्भवती महिला की कोई एंट्री नहीं मिली।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि 18 सप्ताह की गर्भवती महिला का प्राइवेट अस्पताल में गर्भपात कराने में स्वास्थ्य विभाग की एक एएनएम भी शामिल है। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्राइवेट अस्पताल पहुंचकर जांच की तो एएनएम मौके पर मिली। स्वास्थ्य विभाग इस पर संबंधित एएनएम पर कार्रवाई करेगा और जल्द ही उसे नोटिस दिया जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ डिस्ट्रिक पीएनडीटी ऑफिसर एवं डिप्टी सिविल सर्जन – डाॅ. पालेराम कटारिया ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि 18 सप्ताह की गर्भवती का गर्भपात करवाया गया है। हालांकि महिला के पेट में बच्चे की मौत हो चुकी थी। 12 सप्ताह तक गर्भवती महिला के गर्भपात कराने की परमिशन है। मामले में एक एएनएम की भूमिका भी संदिग्ध है।