मुज़फ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर में बीती 12 जून को नगर मजिस्ट्रेट ने ड्रग्स विभाग की टीम के साथ मंडी कोतवाली क्षेत्र के शेरनगर गाँव में नवनिर्वाचित प्रधान इकराम के छोटे भाई ईनाम के घर छापेमारी के दौरान लाखों रुपयों की एक्सपॉयरी दवाईयों का ज़खीरा पकड़ा था। इन दवाईयों की जाँच के लिए मेरठ और सहारनपुर से ड्रग्स विभाग की टीमों को बुलाया गया था। इन दवाईयों में सरकारी सप्लाई की दवाईया भी थी जो दिल्ली की थी। इसका मतलब कही ना कही से इनको चोरी किया गया है। साथ ही इस दवाई के ज़खीरे में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाईया भी शामिल थी।
इस मामले में मुज़फ्फरनगर ड्रग्स इंपेक्टर लवकुश का कहना है, कि शेरनगर में ग्राम प्रधान इकराम के छोटे भाई इनाम के घर पर ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरों में दवाइयां भरी हुई थी। दूसरे फ्लोर पर एक कमरा पूरा दवाइयों से भरा हुआ था। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 67 लाख रुपये आंकी गई थी। जिसमें एक्सपायरी डेट की दवाइयां, फिजिशियन सैंपल, सरकारी मेडिसिन भी शामिल थी। इसमें कोविड-19 से संबधित दवाइयां, पेरासिटामोल, विटामिंस, बच्चों से संबंधित दवाइयां थी।
यह सभी दवाईयां गवर्नमेंट सप्लाई के लिए होता है जो आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है। जिसको देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा था यह दवाईयां चोरी की गई है। जिसके तहत कार्रवाई के दौरान धारा 413, 414,आईपीसी की धारा 420, महामारी के अधिनियम अट्ठारह को 97 की धारा 3, आपदा प्रबंधन 2005 की धारा 51 लगाई गई है साथ ही साथ उसके पास किसी भी तरह का होलसेल या रिटेल का लाइसेंस का ना होने के चलते औषधि अधिनियम 1940 की धारा 18/27 भी लगाई गई है। जांच में यह भी सामने आया कि कोविड-19 के साथ अन्य दवाएं भी वह कहीं ना कहीं सप्लाई कर रहा था और करीब पिछले 10 साल से यह काम जारी था।