गाजियाबाद। मेरठ और नोएडा के बाद नकली दवाओं के तार गाजियाबाद से भी जुड़ गए हैं। कोराना व अन्य गंभीर बीमारियों में काम आने वाली दवाईयों के नकली रैपर और पैकिंग का सामान गाजियाबाद के लोहिया नगर में बन रहा था। मंगलवार को महाराष्ट्र की गोरेगांव पुलिस ने छापा मारकर कंप्यूटर ग्राफिक्स डिजाइनर विकास को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से नकली रैपर बरामद हुए हैं। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड लेकर महाराष्ट्र पुलिस गाजियाबाद से रवाना हो गई।
पुलिस के मुताबिक 8 जून को गौतमबुद्धनगर के ईकोटेक-3 थानाक्षेत्र में नकली दवाओं की फैक्टरी पकड़ी गई थी। मौके पर कोराना समेत अन्य बीमारियों की दवा बनाने वाली नामी कंपनियों की नकली दवाईयां बरामद हुई थीं, जिनकी कीमत 50 लाख से अधिक थी। नकली फैक्टरी के भंडाफोड़ से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस ने फैक्टरी मालिक गाजियाबाद निवासी सुधीर मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र पुलिस के इनपुट पर ही गौतमबुद्धनगर पुलिस-प्रशासन ने फैक्टरी का भंडाफोड़ किया था। सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा का कहना है कि फैक्टरी मालिक से पूछताछ के दौरान लोहिया नगर निवासी विकास का नाम प्रकाश में आया था। उसी की तलाश में महाराष्ट्र पुलिस मंगलवार को गाजियाबाद आई थी। गोरेगांव पुलिस को स्थानीय फोर्स मुहैया कराई गई थी। जिसके बाद उसने विकास को गिरफ्तार कर लिया।
महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस को बताया कि नकली दवाओं की फैक्टरी के संचालक ने बताया था कि वह विकास से नामी कंपनियों के रैपर व कवर तैयार कराता है। इसी कड़ी में विकास की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस के मुताबिक विकास एक्सपर्ट ग्राफिक्स डिजाइनर है। वह नामी कंपनियों के हूबहू नकली रैपर तैयार कर देता था। नामी कंपनियों के हॉलमार्क व होलोग्राम भी वह असली जैसे ही बना देता था। इसके अलावा वह दवाईयों के कवर भी प्रिंट करता था।
मेरठ से भी हुई थी एक आरोपी की गिरफ्तारी फैक्टरी संचालक सुधीर मुखर्जी को गिरफ्तार करने के बाद नकली दवाओं के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 6 जून को खरखौदा मेरठ के धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में दबिश देकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक सुधीर मुखर्जी धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित एबीएम लैब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से दवाई खरीदकर बाजार में सप्लाई करता था। गिरोह के तार गाजियाबाद से जुड़ने पर महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को गाजियाबाद में दबिश देकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया।
मुंबई के ड्रग एवं औषधि विभाग ने दर्ज कराया था केस महाराष्ट्र पुलिस टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर अशफाक शेख ने स्थानीय पुलिस को बताया कि मुंबई के ड्रग एवं औषधि विभाग ने नकली दवाईयां बेचने वाले गैंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। ड्रग विभाग ने ही उन्हें नोएडा में नकली दवाओं की फैक्टरी चलाने वाले आरोपी को सौंपा था। उसने पूछताछ में बताया कि वह लोहिया नगर निवासी विकास से रैपर और दवाइयों की पैकिंग का सामान प्रिंट कराता था।
इन दवाइयों के रैपर होते थे तैयारगौतमबुद्धनगर में नकली दवाओं की फैक्टरी का भंडाफोड़ होने पर वहां एजिथ्रोमाइसिन, फेविपिराविर, हाईड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन, एसफुरेक्स सीवी, फरोपिनम, फेवीमैक्स आदि दवाईयां मिली थीं। यह सभी दवाएं नकली बनाई जा रही थीं। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक इन सभी दवाईयों की नकली रैपर व कवर गाजियाबाद में तैयार हो रहे थे। महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाइर् नकली दवाओं के रैपर तैयार करने के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस ने कंप्यूटर ग्राफिक्स डिजाइनर को गिरफ्तार किया है। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर महाराष्ट्र पुलिस रवाना हो चुकी है। – कृष्ण गोपाल शर्मा, एसएचओ सिहानी गेट