नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने हर तरफ आतंक मचा दिया था पहले पहली लहर ने जहां लोगों को अंदर से झकझोर दिया था और उसके बाद दूसरी लहर ने हर तरफ तबाही मचा रखी थी। अब इसी कड़ी में तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। यही वजह है कि वैज्ञानिक वायरस से निपटने के लिए लगातार नए-नए अध्ययन कर रहे हैं। ब्रिटेन से खबर आई है कि यहां के जनरल प्रैक्टीशनर्स और सांसदों ने कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही एक ‘जीवन रक्षक’ चमत्कारी दवा की सराहना की है।

डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन तेजी से घर पर कोविड मरीजों को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता से बचाने के लिए दी जा रही है। जिसके चलते सांसदों ने हेल्थ सर्विस से जुड़े अधिकारियों से कहा है कि वह बीमार मरीजों को घरों पर ये दवाई उपलब्ध कराएं, जिससे कोविड के मामले कम हो सकें। स्टेरॉयड का इस्तेमाल ज्यादातर अस्पतालों में फेफड़ों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किया जा रहा है। जिससे मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत भी कम पड़ती है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 2,000 से अधिक कोविड मरीजों पर एक अध्ययन किया, जिन्हें ये दवा दी गई। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, उनमें दवा के इस्तेमाल से मौत का जोखिम कम हुआ है। उन मरीजों में भी मौत का जोखिम कम हुआ है, जो मकैनिकल वेंटीलेटर पर थे। साउथ सफोल्क से सांसद जेम्स कार्टलिज ने इसकी सराहना की और कहा कि सरकार को इसके लिए ‘हर समर्थन’ देना जारी रखना चाहिए। यहां के एनएचएस अस्पतालों में उन मरीजों पर डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।

इसी साल एनएसएच इंग्लैंड द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया कि स्टेरॉयड ने ब्रिटेन में 22 हजार लोगों की जिंदगी बचाई है और दुनियाभर में इससे लाखों लोगों की जान बची है। मरीजों को इस दवा की सलाह देने वाले एक डॉक्टर का कहना है, ‘यह जान बचा रही है। काम कर रही है और यह ठीक है कि हम लोगों को इसे लेने के लिए कह रहे हैं, ताकि उनकी हालत गंभीर ना हो। कंजरवेटिव पार्टी के सांसद नील ओ’ब्रायन ने डेक्सामेथासोन के इस्तेमाल पर कहा कि यह एक बहुत बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि इससे इलाज की सफलता ‘महामारी पर काम करने के लिए ब्रिटिश योगदानों में से एक है। जो सस्ती भी है और काम भी करती है।