रायपुर : छत्तीसगढ़ के औषधि विभाग द्वारा की गई गलती के बाद चार साल तक गलत लाइसेंस से दुकान का संचालन होता रहा. विभाग ने दूसरे के लाइसेंस पर दूसरे फार्मासिस्ट को दवा की दुकान का लाइसेंस दे दिया.
विनोद कुमार ने अधिकारियों पर बिना अनुमति के उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से छेड़छाड़ कर अवैध लाइसेंस देने का आरोप लगाया है.
मामले की जानकारी तब हुई जब फार्मासिस्ट विनोद कुमार ने मेडिकल दुकान खोलने के लिए कुछ दिन पहले लाइसेंस के लिए औषधि विभाग में आवेदन किया.
रजिस्ट्रेशन नंबर 14336 के आधार पर प्रक्रिया की गई जिसके बाद पता चला कि यह लाइसेंस पहले से ही प्राइवेट अस्पताल में संचालित मेडिकल दुकान के नाम से दे दी गई है.
शिकायतकर्ता के मुताबिक विगत चार वर्षों से रजिस्ट्रेशन नंबर 14336 नंबर से वह कभी मेडिकल के लिए लाइसेंस बनवाने आवेदन ही नहीं किया था. जानकारी होने पर फार्मासिस्ट विनोद कुमार ने इसकी शिकायत की है.
इधर गलत नाम से लाइसेंस जारी होने वाले रविंद्र कुमार ने कहा कि मुझे भी कुछ दिन पहले इसकी जानकारी हुई है. यह गलती विभाग की है.