उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में थाना प्रभारी और तीन सिपाहियों पर निलंबन की गाज गिरी है. इन लोगों पर नशीली दवाओं की तस्करी में संलिप्त तस्करों को कानून के खिलाफ जाकर रिहा करने के आरोप लगे हैं.

दरअसल, मध्य प्रदेश की सीमा से चित्रकूट के नयागांव थाना प्रभारी व तीन सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है. निलंबन के बाद नयागांव थाना की कमान एसआई आशीष बरकड़े को सौंपी गई है.

तीन दिन पहले चेकिंग के दौरान बाइक सवार दो युवक प्रतिबंधित नशीली दवाओं के साथ पकड़े गए थे. इन लोगों को रात भर थाने में बंद रखा गया और सुबह सिर्फ 500 रुपए का चालान काटकर छोड़ दिया गया. मध्य प्रदेश के सतना में पुलिस अधीक्षक ने जांच के बाद मामला सही पाया.

पकड़े गए युवकों में रीवा का धर्मेन्द्र मिश्रा और उसका एक साथी शामिल था. तलाशी के दौरान इनके पास प्रतिबंधित कोरेक्श की 300 शीशी बरामद हुई थीं. सिपाही दोनों को थाने ले गए और रात भर दोनों को वहीं रखा गया. 24 मार्च को सुबह मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 500 रुपए का चालान काटकर दोनों को छोड़ दिया गया.

सतना के एसपी धर्मवीर सिंह ने जांच के बाद नयागांव थाना प्रभारी संतोष तिवारी के अलावा तीन अन्य सिपाही विमलेश यादव, रत्नेश सिंह व रघुवीर को दोषी पाया. एसपी ने देर रात थाना प्रभारी व तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया.