चंडीगढ़ : हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में पैसे लेकर रजिस्ट्रेशन करने की बात सामने आने पर पिछले 3 दिन से विजिलेंस की टीम ने कार्यालय पर डेरा जमाया हुआ है।
विजिलेंस की टीम के निशाने पर 400 पंजीकरण प्रमाण-पत्र आ गए हैं, जिसके बारे में दलाल सुभाष अरोड़ा ने स्वीकारा था कि उसने पैसे देकर काउंसिल में 400 लोगों के पंजीकरण कराया है। विजिलेंस इसी आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। रविवार को भी हिसार विजिलेंस की टीम ने पंचकूला के सेक्टर-14 स्थित कार्यालय में रिकार्ड खंगाला।
विजिलेंस टीम एक-एक करके पूरी सूची तैयार कर रही है। इस सूची के आधार पर विजिलेंस संबंधित आवेदनकर्ताओं से भी पूछताछ कर सकती है। टीम यह पता लगने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने पंजीकरण के लिए कितने रुपये दिए थे।
इसके अलावा, विजिलेंस ने कार्यालय से रेनुवल प्रमाण पत्रों का डाटा भी लिया है। हर 5 साल के बाद प्रमाण पत्र को रेनुवल कराया जाता है। विजिलेंस को आशंका है कि नया पंजीकरण कराने के साथ साथ रेनुवल के लिए भी पैसे लिए जाते थे।
काउंसिल से हटाए गए प्रधान धनेश अदलखा और पूर्व रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस लगातार दबीश दे रही हैं। फार्मेसी काउंसलि के सदस्य बीबी सिंघल का कहना कि प्रधान धनेश अदलखा का काउंसिल कार्यालय पर कब्जे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले डेढ़ साल से उन्होंने वेबसाइट पर नए सदस्यों के न तो नाम अपडेट करने दिए गए और न ही फोटो।