देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने अब नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली नारकोटिक और साइकोट्रापिक दवाओं का स्टाक तय कर दिया है। इसके बाद मेडिकल स्टोर व सप्लायर इन दवाओं की बिक्री मनमाने ढंग से नहीं कर पाएंगे। अब होलसेलर व रिटेलर को तय मात्रा से अधिक दवा रखने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें बिक्री का हिसाब भी रखना होगा।
शिकायत मिलने के बाद राज्य के औषधि नियंत्रक की ओर से यह आदेश किए गए हैं। औषधि नियंत्रक ने बताया कि मानसिक बीमारियों, एंजाइटी, डिप्रेशन, मिग्री और दर्द निवारक के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली कई ऐसी दवाएं हैं जिनको लोग नशे के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
राज्य में अब कोई भी मेडिकल स्टोर या स्टाकिस्ट तय सीमा से अधिक दवाओं का स्टाक नहीं रख सकता। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएंगी।
हाल में मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई नाकोड की बैठक में इन दवाओं का स्टाक सीमित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद अब औषधि नियंत्रण विभाग ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं।
ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टाक तय किया गया है। इसमें एल्प्राजोलाम, ट्रामाडोल, ट्रामाडोल इंजेशक्शन, कोडीन, पेंसिडिल, डाइजेपाम, डाइजेपाम इंजेक्शन, क्लोनाजेपाम, पेंटाजोनिक, निट्रेजापाम, निट्रेजापाम इंजेक्शन आदि को इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
इन दवाओं का नया स्टाक तभी मंगाया जा सकेगा जब पहले का उपयोग हो गया हो और उसके उपयोग की पूरी जानकारी दे दी जाए। रिटेल में दवा विक्रेता इन दवाओं की अब 10 से 15 वायल और 20 के करीब स्ट्रिप रख सकेंगे।