Adenovirus: पश्चिम बंगाल में इन दिनों एडेनोवायरस (Adenovirus) कहर बरपा रहा है। इस वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। बीते 9 दिनों के भीतर एडेनोवायरस के कारण 40 बच्चों की मौत हो चुकी है। रविवार को अस्पताल में भर्ती छह और बच्चों की मौत हो गई इसके साथ ही एडेनोवायरस से मरने वाले बच्चों की संख्या कुल मिलाकर 40 हो गई।
40 बच्चों की मौत की पुष्टि एडेनोवायरस (Adenovirus)
बीते घंटों में मरने वाले सभी बच्चों का इलाज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे सामान्य एडेनोवायरस लक्षणों के लिए किया जा रहा था। लेकिन बच्चे ठीक नहीं हो रहे थे। इसको लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही डॉक्टरों, विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाए। बच्चे एडेनोवायरस से प्रभावित होने के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं। आमतौर पर बच्चों में एडेनोवायरस में श्वसन और आंत्र नलिका में संक्रमण का कारण बनता है। डॉक्टरों का कहना है कि 0-2 साल की उम्र के बच्चों को संक्रमण का सर्वाधिक और 2-5 साल की उम्र वाले बच्चे को संक्रमण का अधिक खतरा होता है।
एडेनोवायरस के लक्षण
एडेनोवायरस के सामान्य लक्षण फ्लू जैसे हैं, जिनमें सर्दी, बुखार, सांस लेने में समस्या, गले में खराश, निमोनिया और तीव्र ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। वायरस त्वचा के संपर्क, हवा से खांसने और छींकने और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है। अब तक, वायरस के इलाज के लिए कोई अनुमोदित दवाएं या कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो 0-2 साल के उम्र के बच्चों को इससे संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। वहीं 2-5 साल वाले बच्चों को इससे संक्रमण का अधिक खतरा होता है। वहीं 5-10 साल और इससे उपर के बच्चों में संक्रमण की आशंका कम होती है।
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