Medicine Cheap: बहुत जल्द अब लोगों को महंगी दवाइयों से छुटकारा मिलने वाला है। केंद्र सरकार की ओर से ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर में संसोधन किया है।  ड्रग प्राइस कंट्रोल संशोधन 2023 के अंतर्गत अब फार्मा कंपनियों की ओर से लिए जाने वाले पेटेंट को खत्म किया जायेगा। जिससे महंगी दवाओं की कीमत में 50 प्रतिशत तक सस्ती (Medicine Cheap) हो जायेगी।  DPCO (Amendment) 2023 के मुताबिक पेटेंट खत्म होने के बाद नए सिरे से दवाइयों की कीमत तय की जायेगी।

 सीलिंग प्राइस को 50 प्रतिशत (Medicine Cheap) तक कम करके नई दरों को तय किया जायेगा 

केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि अब फार्मा कंपनियों को पेटेंट खत्म करने पर विचार करना होगा। 1 साल के बाद मौजूदा फॉर्मूले के अनुसार रिवीजन किया जाएगा। इसके लिए पहले सीलिंग प्राइस को 50 प्रतिशत तक कम करके दवाइयों की नई दरों को तय किया जायेगा।

ये भी पढ़ें- नर्सिंग और फार्मासिस्ट के पदों पर निकली बंपर भर्ती

इसके साथ ही एक ही कंपनी के कई कई ब्रांड्स की कीमत निर्धारण के लिए भी नए फॉर्मूले पर विचार जारी है। अभी तक कई कंपनियों के उत्पाद का एवरेजिंग किया जाता था, अब उसी कंपनी के न्यूनतम कीमत वाले ब्रांड के आधार पर प्राइसिंग निर्धारित करने की योजना है। आपको  बता दें कि इसी के तहत Stent और घुटनों के प्रत्यारोपण की लागत कम करने में सफलता प्राप्त हुई थी।

नकली दवाओं के गिरोह को पकड़ने  के लिए QR कोड की व्यवस्था अनिवार्य

नकली दवाओं के गिरोह को पकड़ने के लिए अब स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से QR कोड की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। 1 अगस्त 2023 से ये व्यवस्था लागू हो जायेगी। क्यूआर कोड लगाने का ये नियम 300 दवाओं के लिए जरूरी होगा। ये नियम सरकार की ओर से 1 जनवरी 2023 से लागू किया जाना था लेकिन अब  1 अगस्त 2023 से लागू किया जायेगा। इस QR कोड की व्यवस्था  ये साफ हो जायेगा कि दवाइयों को बनाने के लिए कच्चा माल कहां से आया और प्रोडेक्ट कहां जा रहा है। इससे दवा बनाने वाली कंपनी को ट्रैक करना आसान होगा।