Fake Medicine: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नकली दवाइयों (Fake Medicine) का पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया। देहरादून के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने इस पूरे मामले की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि सहसपुर थाने, एसओजी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नकली दवाइयों के गिरोह का पर्दापाश किया। साथ ही इस कारोबार में शामिल आरोपी को गिरफ्तार किया। अन्य बाकी दूसरे आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

स्क्रैप हो चुकी दवाइयों को मिश्रित कर कैप्सूल में भरकर कंपनियों को सप्लाई (Fake Medicine) 

एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सहसपुर और सैलाकुई क्षेत्र से नकली दवाइयों की सप्लाई हो रही है। पुलिस ने बताया कि इस कारोबार में शामिल कुछ लोग फार्मास्यूटिकल कंपनी से स्क्रैप हो चुकी दवाइयों को खरीदकर उन्हें मिश्रित कर कैप्सूल में भरकर बाहर की कंपनियों को सप्लाई कर रहे हैं।

शंकरपुर में दो शख्स मिलकर इस काम को रहे हैं वहां उन्होंने एक गोदाम बना कर रखा है। पुलिस को जब इस खबर की सूचना प्राप्त हुई तो पुलिस टीम ने शंकरपुर में स्थित नकली दवाइयों के गोदाम पर जाकर छापा मारा। छापेमारी के दौरान एक आरोपी आशीष कुमार निवासी लखीमपुर (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया। गोदाम से 400 किलोग्राम औषधि समाग्री बरामद हुई।

बरामद पाउडर का हृदय रोग, टीबी और बुखार में प्रयोग 

औषधि निरीक्षक खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग  FDA ने जानकारी दी कि मौके से बरामद पाउडर का इस्तेमाल हृदय रोग, टीबी और बुखार आदि रोगों के इलाज में होता है। पुलिस टीम ने शंकरपुर में स्थित अन्य गोदाम पर भी छापा मारा जहां से भारी मात्रा में कैप्सूल सेल्स से भरे 60 प्लास्टिक बैग बरामद किए गए।

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एसएसीपी ने बताया कि इस कारोबार में शामिल दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के रहने वाले हैं। दोनों एक दूसरे को 3-4 सालों से जानते हैं। दोनों स्क्रैप का काम करते हैं। आरोपी आशीष सेलाकुई में एल्डर फार्मास्यूटिकल कंपनी में काम करता था जो अब बंद हो चुकी है। आशीष यहीं से दवाइयों के पाउडर स्क्रैप में लेता था और कैप्सूल के कवर की व्यवस्था करना आरोपी अनिल कुमार की जिम्मेदारी थी।