fake Protein Powder: बाजार में इन दिनों लगातार नकली प्रोटीन पाउडर (fake Protein Powder) और बॉडी सप्लिटमेंट्स (fake supplements) धड़ल्ले से बिक रहे हैं। लगातार इसको लेकर शिकायतें भी सामने आ रही है। अब नकली प्रोटीन सप्लिमेंट्स की बढ़ती समस्या पर सरकार ने लोकसभा में जवाब दिया। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में दिए जवाब में बताया है कि साल दर साल नकली प्रोटीन और सप्लिमेंट्स से जुड़ी कितने सिविल और कितने आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
सरकार ने नकली प्रोटीन पाउडर (fake Protein Powder) के खिलाफ अभियान चलाने के दिए निर्देश
लोकसभा में सांसद डॉ. सुभाष रामराव भामरे और डॉ. डी.एन.वी. सेविलकुमार एस के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि FSSSI ने 07 मार्च 2023 के आदेश के तहत सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों केंद्रीय लाइसेंस अधिकारियों और क्षेत्रिय निदेशकों को बाजार में बेचे जाने वाले कई तरह के न्यूट्रास्युटिकल/स्वास्थ्य पूरक उत्पादों के लिए विशेष प्रवर्तन अभियान चलाने के लिए निर्देश दिए गए थे, जो नियम और विनियमों के प्रावधानों के मुताबिक नहीं है।
देश भर में 1326 नमूने लिए गए
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि पूरे देश भर में 1326 नमूने लिए गए हैं और 1229 को टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। सरकार के पास आई रिपोर्टों के अनुसार 202 नमूने संबंधित खाद्य उत्पादों के मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं और FSS अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की गई है। खाद्य पदार्थों के नमूने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए जाते हैं। ये नमूने एफएसएसआई के द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में लिए जाते हैं।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 2020-21 में प्रोटीन पाउडर और संप्लीमेंट्स पर मिली शिकायतों पर 24,195 सिविल मामले और 3,869 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। 2021-22 में 28,906 सिविल और 4,946 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। 2022-23 में 38,053 सिविल मामले, 4,817 आपराधिक मामले सामने आए हैं।