आगरा। रॉयल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेड की। यहां से 17 आशाओं की लिस्ट मिली है। बता दें कि ट्रांसयमुना क्षेत्र में स्थित रॉयल मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में आशाओं के हाथ में गिफ्ट थे। ये सभी गिफ्ट एक जैसे थे।
सीएमओ ने की छापामारी
ये वीडियो सामने आने पर सीएमओ ने टीम समेत यहां छापामारी की। अस्पताल में कई प्रसूता भर्ती मिलीं, लेकिन मौके पर कोई डॉक्टर नहीं पाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल से सीसीटीवी की डीबीआर को जब्त कर लिया। इसके साथ ही यहां भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवा दिया है।
जानकारी अनुसार आगरा में यमुना पार के रायल मल्टीस्पेशियलिटी हास्पिटल से आशाओं के गिफ्ट लेकर बाहर निकलने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ यहां छापा मारा।
अस्पताल में इलाज पर रोक लगाई
अस्पताल में बेसमेंट और प्रथम तल पर आठ मरीज भर्ती मिले। इनमें पांच प्रसूताएं शामिल थी। मौके से अस्पताल में 17 आशाओं की लिस्ट और सीसीटीवी की डीबीआर जब्त कर ली गई। अस्पताल में इलाज पर रोक लगा दी गई है। वहीं, यहां पर भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है।
वीडियो वायरल होने से हुआ भंडाफोड़
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को रॉयल मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कुछ आशाएं गिफ्ट लेकर अस्पताल से बाहर निकलती दिखाई दी हैं। बताया गया कि आाशाओं को यहां प्रसुताएं लाने के लिए गिफ्ट दिए जाते हैं। इस पर रेड की गई। हालांकि, रेड के दौरान अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला। कई प्रसूता भर्ती मिली। यहां सभी भर्ती मरीजों का रिकार्ड और बीएचटी भी संचालक उपलब्ध नहीं करा पाया।
17 आशा वर्कर्स को दिए गए गिफ्ट
अस्पताल में 17 आशाओं की सूची मिली है। इन सभी को गिफ्ट दिए गए थे। प्रारंभिक जांच पता चला है कि आशाओं को कमीशन देकर स्वास्थ्य केंद्रों से गर्भवती को यहां प्रसव के लिए लेकर आने का लालच दिया जाता था। सीसीटीवी की डीवीआर जब्त कर ली गई है। वहीं, मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया है। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल संचालक के साथ ही आशाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
अस्पताल पर सीलिंग की कार्रवाई
सीएमओ अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आशा महिलाओं और सरकारी एम्बुलेंस द्वारा गरीब मरीजों को सरकारी अस्पताल के बजाय दूसरे निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। इसमें कमीशन का मामला भी सामने आया है। ऐसे में इन मामलों में संलिप्त आशा महिलाओं और सरकारी एम्बुलेंस चालकों की जांच-पड़ताल की जा रही है। ट्रांसयमुना कॉलोनी के रॉयल हॉस्पिटल पर सीलिंग और संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज की कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी भ्रूण मिलने का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि रॉयल अस्पताल इससे पहले रॉयल मल्टीस्पेशलिटी सेन्टर के नाम से रजिस्टर्ड था। उस समय अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसमें एक नवजात का भ्रूण सामने आया था। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल पर कार्रवाई की थी। इसके बावूद यह अस्पताल फिर से संचालित होने लगा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। इसमें मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।