बद्दी (सोलन)। शुगर और दर्द समेत 46 दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं। इसके चलते बाजार से इन दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाया गया है। बता दें कि सैंपल फेल मिली दवाओं में अकेले हिमाचल प्रदेश मेकं बनी 14 दवाइयां शामिल हैं। प्रदेश की जिन 14 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सिरमौर की तीन, कांगड़ा की एक और सोलन जिले की 10 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं।

ये दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरी

केंद्रीय औषधी मानक नियंत्रण संगठन द्वारा जारी किए गए ड्रग अलर्ट में ये दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं। इन दवाओं में त्वचा में होने वाले संक्रमण, जीवाणु संक्रमण, भूख बढ़ाने वाली दवा, एलर्जी, गर्भाशय से अनियमित रक्त स्राव, एनीमिया, एसिडिटी एलर्जी, शुगर और दर्द की दवाएं शामिल हैं। जनवरी में देश में कुल 932 दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिनमें 886 पास हुए और 46 फेल हुए।

जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें पांवटा साहिब के सनवेट हेल्थकेयर कंपनी की त्वचा में होने वाले संक्रमण की दवा क्लिंडामाइसिन, जीवाणु संक्रमण की दवा एमिकेसिन सेलवेमट, बद्दी के लोधी माजरा की एक्विनोओ फार्मास्युटिक कंपनी की भूख बढ़ाने की दवा साइप्रोहेप्टाडीन ट्राईकोलिन साईट्रेट, पांवटा की जी लैबोरेटरी कंपनी की एलर्जी की दवा मोक्सीफ्लोक्सासिन शामिल हैं।

ये फार्मा भी शामिल

इनके अलावा, बद्दी की डीएम फार्मा कंपनी की गर्भाशय से अनियमित रक्त स्राव की ट्रेनेक्सामिक एसिड व मेफेनामिक एसिड, मलकू माजरा के एंज फार्मा कंपनी की एनीमिया की दवा फोलिक एसिड, हलेरो लैब कंपनी की एसिडिटी की पेंटाप्रोजोल, हिल्लर लैब की एलर्जी की दवा लेवासिट्राजिन, के सैंपल फेल हुए हैं।

शुगर और दर्द

मेग्नाटेक कंपनी की शुगर की दवा ग्लिमोपिराईड, मेटफोरमिन पियोग्लिटालोन, झाड़माजरी स्थित सश्री राम हेल्थ केयर कंपनी की एसिडिटी की दवा पेंटाप्रोजोल, बरोटीवाला स्थित फोरगो फार्मास्युटिकल कंपनी की एलर्जी की दवा मोंटेलुकास्ट लियोसिट्राजिन, बद्दी के भटोली कलां स्थित एएसपीओ कंपनी की त्वचा की एलर्जी की दवा मोंटेलुकास्ट, कांगड़ा जिले के राचिल फार्मा कंपनी की एलर्जी की लियोसिट्राडिन व बद्दी के मलकू माजरा स्थित एंज लाइफ साइंस कंपनी की दर्द की दवा डिक्लोफेनाक दवा के सैंपल फेल हुए हैं।

कारण बताओ नोटिस दिए जाएंगे

ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवा उद्योगों के सैंपल फेल पाए गए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही इन दवाओं के स्टॉक भी बाजार से वापस मंगवाए जाएंगे। इसके अलावा, औषधी विभाग स्वयं भी इन सैंपल की जांच करेगा।