हैदराबाद। डीसीए (ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन) ने शहर के नौ ब्लड बैंकों पर छापेमारी की है। निरीक्षण में पाया गया कि इन ब्लड बैंकों में जरूरी बातों की अनदेखी की जा रही थी।
निरीक्षण में ये मिलीं कमियां
अधिकारियों ने बताया कि इन ब्लड संक्रामक रोगों के लिए रक्त की जांच करने में विफलता, रक्त और रक्त घटक परीक्षण में चूक, अत्यधिक शुल्क लेना, अपर्याप्त रिकॉर्ड रखरखाव आदि खामियां पाई गई हैं।
कारण बताओ नोटिस जारी किया
इन नौ ब्लड बैंकों को विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
लकड़ी-का-पुल में एवीएस ब्लड सेंटर और मेहदीपट्टनम में विवेकानंद ब्लड सेंटर ये दस्तावेज नहीं दिखा पाए कि एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी आदि के लिए परीक्षण किट वास्तव में ब्लड बैंक द्वारा खरीदे और इस्तेमाल किए गए थे।
तय से ज्यादा रकम वसूल रहे
कई ब्लड बैंक संपूर्ण मानव रक्त और उसके घटकों पर अत्यधिक फीस शुल्क वसूलते मिले। जैसे ताजा जमे हुए प्लाज्मा (एफएफपी) को दिशानिर्देशों के अनुसार 400 रुपये लिए जाने चाहिए, लेकिन श्री बालाजी ब्लड सेंटर, मलकपेट में 1,500 रुपये और नंदी ब्लड सेंटर, बालानगर ने 1,400 रुपये लिए गए।
इसी तरह, प्लेटलेट कंसंट्रेट के लिए, नवजीवन ब्लड सेंटर, चैतन्यपुरी ने 400 रुपये की बजाए 1,200 रुपये लिए। डीसीए तेलंगाना के महानिदेशक वीबी कमलासन रेड्डी ने कहा कि श्री बालाजी ब्लड सेंटर, मलकपेट ने 11,000 की निर्धारित लागत के मुकाबले एकल दाता प्लेटलेट्स के लिए प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 15,000 एकत्र किए।
स्टाफ की भी कमी मिली
निरीक्षण में यह भी पता चला कि कुछ ब्लड बैंक अनुमोदित तकनीकी कर्मियों की देखरेख में काम नहीं कर रहे हैं। प्रथमा साईं ब्लड सेंटर में चिकित्सा अधिकारी, तकनीशियन और पंजीकृत नर्स जैसे जरूरी कर्मचारी नहीं मिले। वहीं, विवेकानन्द ब्लड सेंटर में तकनीकी पर्यवेक्षक उपलब्ध नहीं था।