ग्रेटर नोएडा। निजी अस्पताल में महिला का गांठ का ऑपरेशन करने में लापरवाही बरतने पर पांच लाख का जुर्माना ठोका गया है। जिला उपभोक्ता आयोग ने निजी अस्पताल को तय समयावधि में जुर्माना अदा न करने पर जुर्माने की राशि पर अतिरिक्त ब्याज भी देने के निर्देश दिए हैं।

यह है मामला

बुलंदशहर निवासी एक महिला ने ओवरी में गांठ होने पर निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाया था। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने ऑपरेशन के 90 हजार रुपये लिए थे। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ। साथ ही गांठ भी नहीं निकली। इसकी शिकायत करने पर अस्पताल प्रबंधन ने मदद करने के बजाय दुव्र्यवहार किया।

मामला जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। आयोग ने निजी अस्पताल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं, तय समय अवधि में जुर्माना अदा न करने पर जुर्माने की राशि पर अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा।

सरिता को पेट में दर्द होने पर उसके परिजन एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। वहां डॉक्टरों ने ओवरी में गांठ होने की बात कही और ऑपरेशन कराने की सलाह दी। जांच के बाद 2 सितंबर 2020 को सरिता का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर ने ऑपरेशन की फीस के तौर पर 90 हजार रुपये लिए।

ऑपरेशन में गांठ नहीं निकाली गई

आरोप है कि पेट दर्द ठीक न होने के चलते दोबारा डॉक्टर से संपर्क किया गया। इस पर उन्होंने दवाई दे दी। दर्द ठीक न होने पर हायर सेंटर में इलाज कराया गया। यहां जांच के दौरान पता चला कि अस्पताल हुए ऑपरेशन में गांठ नहीं निकाली गई। इस पर पीडि़ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में केस दर्ज किया।

आयोग में सुनवाई पर अस्पताल से नहीं पहुंचा कोई

आयोग ने हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया, लेकिन कोई भी व्यक्ति पैरवी के लिए नहीं आया। ऐसे में आयोग ने एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए अस्पताल प्रबंधन को 45 दिन के अंदर पीडि़ता को बतौर हर्जाना पांच लाख रुपये और मुकदमा खर्च के तौर पर 10 हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। वहीं, यदि समय पर रकम का भुगतान नहीं करने पर हॉस्पिटल प्रबंधन को धनराशि पर सात फीसदी ब्याज चुकाना होगा।