नई दिल्ली। 30 फार्मा और स्वास्थ्य सेवा कंपनियों ने 900 करोड़ से ज्यादा के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिली यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक की दी है।

रिपोर्ट के अनुसार 30 फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों ने 5 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। इनकी कीमत लगभग 900 करोड़ रुपये है। यह जारी डेटा में कुल 12,155 करोड़ की राशि का लगभग 7.4 प्रतिशत है।

इन फार्मा कंपनियों ने खीदे बॉंड

चुनावी बॉन्ड के इन शीर्ष खरीदारों में यशोदा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल (162 करोड़ रुपये), हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी (80 करोड़ रुपये), अहमदाबाद की टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स (77.5 करोड़ रुपये), हैदराबाद स्थित नैटको फार्मा (69.25 करोड़ रुपये) और हैदराबाद-हेटेरो फार्मा और इसकी सहायक कंपनियां शामिल हैं।

इन कंपनियों के अलावा बायोकॉन लिमिटेड की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने भी 6 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। उद्योग जगत से चुनावी बॉन्ड के अन्य बड़े खरीदारों में सिप्ला (39.2 करोड़ रुपये) का नाम भी इस सूची में है।

ये हैं चुनावी बॉन्ड के बड़े खरीदार

सबसे बड़े खरीदार यशोदा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल ने अप्रैल 2022 में सबसे अधिक छह चरणों में 80 बॉन्ड खरीदे। इनकी कीमत 80 करोड़ रुपये है. हालांकि प्रकाशित किए डेटा से इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि इस चुनावी बॉन्ड का खरीदार हैदराबाद स्थित अस्पताल था या गाजियाबाद अस्पताल, क्योंकि इसमें दोनों का नाम एक ही है।

र्डडी के छापे के बाद इन फार्मा ने खरीदे बांड

कथित तौर पर 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय को लेकर पड़े आयकर विभाग के छापे के बाद हेटेरो फार्मा ने अप्रैल 2022 और जुलाई और अक्टूबर 2023 में चुनावी बॉन्ड खरीदे। बता दें कि हेटेरो फार्मा फार्मास्युटिकल सामग्री के निर्माण के साथ-साथ हृदय रोगों, कैंसर और डायबिटीज सहित अन्य बीमारियों के लिए भी दवा बनाती है।

डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज जेनेरिक, ब्रांडेड जेनेरिक और बायोलॉजिक्स के बाजार में एक बड़ा नाम है। ये कंपनी सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक हैं। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से छठा सबसे बड़ा चुनावी बॉन्ड खरीदार, डिविज़ लेबोरेटरी है। यह दुनिया में सबसे बड़े एपीआई निर्माताओं में से एक है।

ये कंपनियां भी शामिल

वहीं, नैटको और टोरेंट दोनों फार्मास्यूटिकल्स अपनी हृदय और मधुमेह दवाओं के लिए जाने जाते हैं। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक (10 करोड़ रुपये) और बायोलॉजिकल ई (5 करोड़ रुपये), जिन्हें कोविड-19 टीकों के लिए सरकारी मंजूरी मिली थी, इन कंपनियों का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से पहले एसबीआई को चुनावी बॉन्ड की खऱीद से जुड़ी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।