रोहतक (हरियाणा): अपने ही महकमे में फैसलों पर अमल को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कई बार सरकार से नाराज दिखाई देते हैं। मगर लिंगानुपात मामले में कार्रवाई होने से वह जरूर संतुष्ट होंगे। दरअसल, पिछले दिनों राज्य में लिंगानुपात के आंकड़ों में हेराफेरी कर बेटी बचाओ अभियान को जबरदस्ती सफल बनाने की कोशिश हुई थी। कोशिश भी ऐसी कि आम आदमी तो क्या खुद स्वास्थ्य मंत्री विज भी इसे हजम नहीं कर पाए। उनके पास शिकायत पहुंची तो उन्होंने जांच बैठा दी। चूंकि आंकड़ों में हेराफेरी सरकारी स्तर पर हुई और इसे आधार बनाकर सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर जमकर वाहवाही लूटी, इसलिए जांच की ईमानदारी पर शक हो रहा था।

स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मामला मीडिया में भी खूब उछला। हरियाणा सरकार की किरकिरी के छींटे दिल्ली तक उड़े। लिहाजा कार्रवाई करवाना मजबूरी हो गई। लंबा समय बीतने के बाद अब जाकर एक्शन हुआ और पलवल नगर परिषद के जन्म-मृत्यु दर रिकॉर्ड दर्ज करने वाले पंजीयक महेंद्र कुमार और सह पंजीयक संदीप कुमार को सस्पेंड कर दिया। दोनों पर ड्यूटी में लापरवाही, आंकड़ों से छेड़छाड़ के आरोप तय किए।

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन के मुताबिक, जनवरी से मार्च 2017 की तिमाही में 1383 लड़कियां पैदा होने की रिकॉर्ड दर्ज हुआ जबकि हकीकत में तिमाही के दौरान 1000 लडक़ों के अनुपात में लड़कियों की संख्या 906 थी। इसी तरह मार्च में 1383 दिखाई गई जबकि वास्तविकता में 983 लड़कियां पैदा हुई। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक की रिपोर्ट में 950 लड़कियां बताई गई। यानी आंकड़ों में भारी झोल था। मामला उछलने पर परिषद रिकॉर्ड में जनवरी 2017 में 957, फरवरी में 990 और मार्च में 1217 अपडेट करवा दिया गया। लेकिन उसके बावजूद जनवरी में 930, फरवरी में 951 और मार्च में 983 मिला। बता दें कि सरकार ने लिंगानुपात में सुधार का दावा करते हुए रिपोर्ट जारी की थी कि जिसमें दर्शाया गया कि 2001 में 1000 लडक़ों पर 879 लड़कियां था जो अब 901 तक पहुंच गया। रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री विज के गले नहीं उतरी और उन्होंने सवाल उठाते हुए जांच बैठा दी।

खास बात ये कि राज्य में बेटी बचाओ अभियान की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राकेश गुप्ता करते हैं लेकिन स्वास्थ्य में अनलि विज को गुप्ता फूटी आंख नहीं सुहाते। कई मुद्दों पर विज सार्वजनिक रूप से गुप्ता पर तीखे हमले बोल चुके हैं। कुलमिलाकर, इस खबर से बेशक हरियाणा सरकार को नीचा देखना पड़े लेकिन मंत्री अनिल विज फूले नहीं समा रहे होंगे।