लखनऊ। फॉर्मेसी की फर्जी डिग्री बनवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। एसटीएफ यूपी ने इस गिरोह के दो सदस्यों को थाना गाजीपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पता चला कि आरोपी युवक फर्जी दस्तावेज तैयार कर देश-विदेश के कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सो में दाखिला दिलाने तथा अवैध मेडिकल स्टोर एवं झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे।

138 फर्जी मार्कसीट-सर्टिफिकेट बरामद

गिरफ्तार आरोपी का नाम सचिन मणि त्रिपाठी पुत्र रमेश तिवारी और शिवानंद वर्मा पुत्र रामबरन वर्मा है। दोनों के कब्जे से 138 कूटरचित मार्कसीट , सर्टिफिकेट व डिग्री, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, दो निर्वाचन कार्ड, दो आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, चार पैन कार्ड, तीन डेबिट कार्ड, एक कैंसिल्ड चेक, दो पीला लिफाफा जिसमें 54 कूटरचित मार्कसीट, सर्टिफिकेट व डिग्री, एक काले रंग का स्मार्ट वाच, एक चार पहिया वाहन क्रेटा कार के अलावा 22 सौ रुपये नकद बरामद किए हंै।

विदेशों के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर वसूली

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह है, जो मेडिकल स्टोर एवं झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने एवं डी-फार्मा, बी-फार्मा एवं एकेडमिक मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के नाम पैसा वसूलने का कार्य करता है। इस काम में पीसीआई के कुछ कर्मचारी सहित अन्य कई लोग शामिल हैं।

कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर

हरिशंकर निवासी बरेली द्वारा बी-फार्मा व डी-फार्मा फर्जी की मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनवाकर पीसीआई के कर्मचारियों की मिलीभगत से उसका सत्यापन कराकर लाइसेंस बनवाया जाता है। इसके लिए जरूरतमन्द लोगों से इनके द्वारा पांच लाख रुपए लिए जाते हंै, जिसमेें से लाख रुपए हरिशंकर लेता है। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध थाना गाजीपुर में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है।