नई दिल्ली। भारतीय फार्मा बाजार में शुभ संकेत मिले हैं। बीते माह जून में 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मार्केट रिसर्च फर्म फार्मारैक के अनुसार, इस दौरान सभी प्रमुख थेरेपी में सकारात्मक मूल्य वृद्धि हुई है। श्वसन (19.2 फीसदी) और एंटी-इंफेक्टिव (17.2 फीसदी) जैसे चिकित्सा क्षेत्र के प्रमुख उपचारों में बीते माहजून में दो अंकों की मूल्य वृद्धि देखी गई है।

खास चिकित्सा क्षेत्र के मूल्य वृद्धि के बारे में फार्मारैक की उपाध्यक्ष (वाणिज्यिक) शीतल सपले के अनुसार अधिकतर चिकित्सा क्षेत्रों में सकारात्मक मूल्य वृद्धि हुई है। आमतौर पर दूसरी छमाही में कुछ उपचारों में मौसमी उछाल देखा जाता है और जून के बाद इस साल उच्च वृद्धि दर दिखाई दे रही है।

बताया गया है कि नई पेशकश, मूल्य आधारित वृद्धि और मात्रात्मक वृद्धि जैसी आईपीएम की सभी तीन श्रेणियों में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। जून में कुल मूल्य वृद्धि 8.8 फीसदी रही जबकि पिछले साल जून में यह 6 फीसदी थी।

इनमें मिली अधिक वृद्धि

कार्डियक, एंटी-इंफेक्टिव, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल जैसे प्रमुख उपचारों के एमएटी ने क्रमश: 9 फीसदी, 8.7 फीसदी और 8.4 फीसदी की दमदार वृद्धि दर्ज की। ये तीनों चिकित्सा क्षेत्र मिलकर आईपीएम का करीब 38 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।

वहीं , घरेलू बाजार में शीर्ष कंपनियों ने मामूली मासिक वृद्धि दर्ज की मगर फोर्ट्स (28.1 फीसदी), एफडीसी (22.2 फीसदी), अरिस्टो (17.7 फीसदी), सिप्ला (16.5 फीसदी) और ग्लेनमार्क (16.4 फीसदी) जैसी कंपनियों ने इस साल जून में आईपीएम की शीर्ष 40 कंपनियों की बीच महत्त्वपूर्ण मासिक वृद्धि दर्ज की है।

इस साल जून में जीएसके की एंटीबायोटिक दवा ऑगमेंटिन और यूएसवी की मधुमेहरोधी दवा ग्लाइकोमेट जीपी सबसे ज्यादा बिकने वाले दवा ब्रांड बने। इनकी बिक्री क्रमश: 76 करोड़ और 66 करोड़ रुपये रही।