ग्रेटर नोएडा। भारतीय फार्मा सेक्टर के भविष्य को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। यह बात ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया द्वारा आयोजित सीपीएचआई और पी-मेक इंडिया के 17वें संस्करण में प्रदर्शित हुई। यह आयोजन 26 नवंबर से शुरू हुआ है और 28 नवंबर 2024 तक चलेगा।

बता दें कि इस सीपीएचआई में भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जा रहा है। इसमें आगामी वर्षों में भारतीय फार्मा बाजार के 130 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। इस एक्सपो ने वैश्विक स्वास्थ्य में भारत की भूमिका को फिर से रेखांकित किया है।

गौरतलब है कि इस एक्सपो में अमेरिका, यूएई, जापान, यूनाइटेड किंगडम सहित 120 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रदर्शक और 50,000 से अधिक विज़िटर्स एकत्रित हुए। फार्मा मशीनरी, पैकेजिंग, विश्लेषणात्मक उपकरण, प्रयोगशाला प्रौद्योगिकियां और अन्य उत्पादों के प्रदर्शनों ने नवाचार और सहयोग के लिए एक शक्तिशाली मंच प्रदान किया।

सीपीएचआई और पी-मेक इंडिया 2024 के उद्घाटन समारोह में उद्योग के प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की। इस अवसर पर फार्मेक्सिल के महानिदेशक श्री के. राजा भानु, फार्मा उद्यमियों के संघ के अध्यक्ष हरीश के. जैन, और इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने फार्मा क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने का अहम माध्यम बताया।

इंफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के योगेश मुद्रास ने बताया कि भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है और यह फार्मा उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। हमारे उद्योग के निर्माण में अनुसंधान-आधारित प्रतिस्पर्धा और वैश्विक साझेदारी की भूमिका खास है। इस आयोजन में डॉ. रेड्डीज़, बायोकॉन, ग्लेनमार्क, मोरेपेन लैब्स, ल्यूपिन और हेटेरो लैब्स जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल रहीं।