मुंबई। बच्चों को अवैध दवा से गोरा बनाकर बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता मिली है। माटुंगा पुलिस ने एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा है। यह रैकेट गरीब परिवारों के बच्चों को चुराकर या बहला-फुसलाकर बेचता था। ये बच्चों के नैन-नक्श और रंग-रूप के आधार पर उनकी कीमत तय करते थे। तीन लड़कियों और दो लडक़ों को 1.5 लाख से 3.8 लाख रुपये के बीच बेचे जाने का खुलासा हुआ है।
पुलिस ने बताया कि गिरोह से जुड़े लोग बच्चों को हॉर्मोन इंजेक्शन देकर कृत्रिम तरीकों से बड़ा और आकर्षक दिखाने की कोशिश करते थे। यह गिरोह नि:संतान परिवारों को बच्चे बेचते थे। इसके साथ ही कई बच्चों से वेश्यावृत्ति और कुछ बच्चों को भीख मांगने के काम में भी लगा देते थे। जांच में पता चला है कि गिरोह का नेटवर्क मुंबई, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली समेत कई राज्यों में फैला हुआ है।
पकड़े गए 10 आरोपियों में से 9 महिलाएं हैं। ये सभी देशभर में सक्रिय मानव तस्करी नेटवर्क से जुड़े थे। पता चला है कि बच्चों के रंग और शारीरिक विशेषताओं के आधार पर उनकी कीमत तय होती थी। गोरे बच्चों को 4-5 लाख रुपये में बेचा जाता था, जबकि सांवले बच्चों की कीमत 2-3 लाख रुपये थी। खड़ी नाक या आकर्षक आंखों वाले बच्चों की मांग अधिक होती थी।