नई दिल्ली। ओटीसी दवा की बिक्री पर जल्द ही प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और रोगी सुरक्षा की गारंटी देने के लिए भारत का प्रमुख औषधि सलाहकार पैनल यह विचार कर रहा है। अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली स्व-चिकित्सा दवाओं की ओवर-द-काउंटर बिक्री को सीमित करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया है। बताया गया है कि केवल 27 दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के बेची जाएंगी और ये दवाएं सीमाओं और मात्रा नियंत्रण के अधीन होंगी।
इस सूची में ज्वरनाशक, दर्दनाशक, एंटासिड, खांसी के मिश्रण, मौखिक गर्भनिरोधक, एंटीसेप्टिक, जुलाब, नाक स्प्रे, डोमपेरिडोन (एक उल्टी-रोधी), आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां, तथा एसओएस दवाएं शामिल हैं ।
कई दवाइयाँ जो अब काउंटर पर उपलब्ध हैं, उन्हें सूची से बाहर रखा गया है। दरअसल, उप-समिति का मानना है कि उन्हें केवल डॉक्टर के पर्चे के साथ ही दिया जाना चाहिए। इस सप्ताह औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें सिफारिश को अंतिम रूप दिया जाएगा।
ओटीसी उप-समिति के अध्यक्ष डॉ. अनुपम प्रकाश ने पुष्टि की कि रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की पहुंच बढ़ाना और साथ ही रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सभी एसओएस दवाओं को सूची में शामिल किया गया है। हमने कई दवाओं को हटा दिया है जो फार्मासिस्टों के पास उपलब्ध हैं और उन्हें केवल नुस्खे के साथ ही दिया जाना चाहिए।