मुंबई। अरबिंदो फार्मा जेनेरिक दवा बनाने वाली विदेशी कंपनी खरीदेगी। भारतीय दवा कंपनी चेक गणराज्य की कंपनी Zentiva  को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे है। यह सौदा लगभग 43,500 से 47,900 करोड़ रुपये में हो सकता है।

Zentiva को Advent International नामक कंपनी से खरीदा जाएगा। अगर यह डील सफल रही तो यह भारतीय दवा कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा।

साल 2014 में दाइजी सेंक्यो ने रैनबैक्सी में हिस्सेदारी खरीदने के 3.2 बिलियन डॉलर की डील की थी। बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने विटारिस के बायोसिमिलर कारोबार को खरीदने के 3.3 बिलियन डॉलर खर्च थे। Zentiva को खरीदने की होड़ में अरबिंदो फार्मा का मुकाबला अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म GTCR से है। दोनों कंपनियां इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रही हैं।Advent International ने Zentiva को सात साल पहले खरीदा था। कंपर्नी Zentiva को बेचने के विकल्पों पर विचार कर रही है।