नई दिल्ली। दुर्लभ बीमारियों के लिए चार नई दवाएं जल्द लांच की जाएंगी। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ . वीके पॉल ने बताया कि दुर्लभ बीमारियों के लिए चार नई दवाइयाँ जल्द बाज़ार में आएंगी। सात बीमारियों के लिए पाँच दवाइयाँ पहले ही बाज़ार में आ चुकी हैं।
इससे मरीज़ों की परेशानी कम हो रही है। एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि स्थानीय कंपनियों द्वारा लॉन्च की गई जेनेरिक दवाओं से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों को भारी बचत हुई है। केंद्रीय तकनीकी समिति की सिफारिश पर 63 दुर्लभ रोगों को शामिल किया गया है।
पॉल ने कहा कि सात बीमारियों के मामले में हमने उल्लेखनीय प्रगति की है। इन सात बीमारियों में थैलेसीमिया , विल्सन रोग और सिस्टिक फाइब्रोसिस शामिल हैं। अब बाज़ार में पाँच दवाएँ उपलब्ध हैं। चार अन्य दवाएँ भी जल्द ही बाज़ार में उपलब्ध होंगी। औषधि विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार आठ दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं के उत्पादन को समर्थन देने में सक्षम रही है।