नई दिल्ली। दिल की दवा वायमाडा का पेटेंट कैंसिल कर दिया गया है। भारत के पेटेंट ऑफिस ने स्विट्जरलैंड की फार्मा कंपनी नोवार्टिस की दवा वायमाडा का पेटेंट कैंसिल किया है। बताया गया कि इस दवा में कोई विशेष तकनीकी सुधार नहीं दिखाया गया है। अब भारतीय कंपनियां दिल की जेनरिक दवाएं बाजार में बेच सकती हैं। इससे यह दवा पहले से काफी कम दामों में मिल सकेगी।

यह है मामला

कई भारतीय फार्मा कंपनियां वायमाडा दवा के जेनरिक वर्जन बनाने की कोशिश कर चुकी थीं। लेकिन नोवार्टिस ने कोर्ट में केस करवाकर इन्हें रोक दिया था। अब इस दवा का पेटेंट रद्द हो गया है, तो कंपनियों को यह दवा बनाने की आजादी मिल गई है। इससे दिल की यह दवा सस्ती मिल पाएगी।

इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस संस्था और दो कंपनियों ने इसके पेटेंट के खिलाफ आपत्ति दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि यह पेटेंट भारतीय पेटेंट कानून का उल्लंघन करता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एंट्रेस्टो नाम से बिकने वाली यह दवा हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट फेल्योर के इलाज में इस्तेमाल होती है। यह नोवार्टिस के लिए बड़ी कमाई का जरिया रही है। इसने पिछले साल करीब 7.8 बिलियन डॉलर की बिक्री की थी।

दिल की दवा

पेटेंट ऑफिस के अनुसार कंपनी ने यह साबित नहीं किया कि उनकी नई दवा पुरानी दवा से ज्यादा असरदार है। उन्होंने कोई एक्सपेरिमेंटल डेटा नहीं दिया इसलिए पेटेंट रद्द कर दिया गया। नोवार्टिस ने इस फैसले पर कोई जवाब नहीं दिया है। अब भारत में मरीजों को यह दवा सस्ते दामों पर मिलने लगेगी।