भरतपुर (राजस्थान)। सरकारी कफ सिरप पीने से दादी-पोते की तबीयत बिगडऩे का मामला प्रकाश में आया है। 60 वर्षीय महिला की अस्पताल में मिलने वाली खांसी सिरप पीने से तबियत खराब हो गई। महिला को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह है मामला
गांव गुंडवा की 60 वर्षीय महिला रामदेई के पोते को खांसी जुकाम होने पर सरकारी सेटेलाइट अस्पताल में ले गए थे। बच्चे को खांसी की सिरप दी गई, जिसे पीने पर उसको चक्कर आने लगे। परिजनों ने सोचा कमजोरी की वजह से ऐसा हो रहा होगा। इसके बाद बच्चे को खांसी की सिरप नहीं पिलाई।
अब बुजुर्ग महिला को खांसी की शिकायत हुई तो उसने रात में यह खांसी की सिरप पी ली। सिरप पीने के दो घंटे बाद खुजली शुरू हो गई। सुबह से उल्टी-दस्त और चक्कर आने लगे। बुजुर्ग महिला को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया है। महिला अपने साथ खांसी की सिरप भी लेकर अस्पताल पहुंची है। जहां महिला का इलाज जारी है।
बीमार बुजुर्ग महिला अपने साथ अस्पताल से मिली खांसी के सिरप की दोनों बोतलों को भी लेकर आई है। इसका सेवन करने के बाद उसकी तबियत खराब हुई थी। यह वही सिरप है, जिससे बच्चों की मौत हो रही है। सिरप को फिलहाल सरकार ने बैन कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गौरव कपूर ने बताया कि बयाना के कलसाड़ा सीएचसी के प्रकरण के बाद सरकार ने सिरप वितरण पर रोक लगा दी थी। कुछ लोग पहले से अस्पताल से सिरप लेकर आये और उसका उपयोग कर रहे है। बिना किसी चिकित्सक परामर्श के कोई भी दवाई नहीं ले। डॉ.गौरव कपूर ने भरतपुर की जनता से अपील की है की बिना किसी चिकित्सक परामर्श के कोई भी दवा न लें।