नई दिल्ली। कफ सीरप मामले में सभी दवा कंपनियों की जांच का निर्णय लिया गया है। कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 24 बच्चों की मौत से संज्ञान लिया गया है। अब मध्य प्रदेश की दवा उत्पादन इकाइयों की सख्ती से जांच होगी।

सीडीएससीओ और राज्य औषधि प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम यह निरीक्षण करेगी। दवा कंपनियों में लाइसेंस शर्तों का पालन जांचा जाएगा। गुणवत्ता नियंत्रण से जुड़े दस्तावेजों की जांच भी की जाएगी।

मध्य प्रदेश में कफ सीरप का मामला सामने आने पर सीडीएससीओ ने कुछ उत्पादन इकाइयों का निरीक्षण भी किया है। कोल्ड्रिफ सीरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा में 364 तरह की बड़ी खामियां मिली थीं। सीडीएससीओ ने इसको वहां के औषधि प्रशासन विभाग की कमी माना था। फर्म का नियमित निरीक्षण किया जाता तो इनका पहले ही पता चल जाता। मप्र में कुल 225 दवा उत्पादन इकाइयां हैं।

यहां पहली बार दवा उत्पादन इकाइयों में गुणवत्ता और मानकों का संयुक्त निरीक्षण होगा। नवंबर से निरीक्षण प्रारंभ होने की संभावना है। यह प्रयोग मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी किया जा सकता है।