सोलन। राष्ट्रीय दवा नियंत्रण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने सीरिंज निर्माता व वितरकों की मनमानी पर शिकंजा कसते हुए सीरिंज (विद नीडल व विदाउट नीडल) व नीडल के दाम तय कर दिए हैं। अब देशभर में इस पर 75 फीसद लाभ से ज्यादा दाम नहीं वसूले जा सकते हैं। पहले इसे 50 गुना से भी अधिक दामों पर बेचा जा रहा था। शिकायतें मिली थीं कि 50 रुपये में मिलने वाली सीरिंज को भारत में 500 रुपये तक में भी बेचा जा रहा था। एनपीपीए ने जांच की तो पता चला कि वितरक को दिए जाने वाले लाभ (मार्जिन) पर सीरिंज व नीडल निर्माता खुली मनमानी कर रहे हैं। इसके चलते मरीजों को इसे महंगे दामों पर खरीदना पड़ता था।
इस मामले में एनपीपीए ने बड़े स्तर पर सर्वेक्षण किया और पाया कि कंपनियों ने वितरकों को 1250 फीसद तक का लाभ दिया है जिससे सीरिंज की कीमतों में बेशुमार बढ़ोतरी हो चुकी है। इसका संज्ञान लेते हुए एनपीपीए ने सीरिंज के दाम निर्धारित कर दिए हैं और वितरकों को दिए जाने वाला लाभ 75 फीसदी कर दिया है। अब कोई भी वितरक इसे निर्धारित से अधिक दाम पर नहीं बेच सकेगा। एनपीपीए ने तीन तरह की सीरिंज के दाम निर्धारित किए हैं। इनमें हाइपोडर्मिक डिस्पोजेबल सीरिंज विद नीडल एक एमएल का मूल्य वितरक को 2.27 रुपये, जबकि इसका अधिकतम विक्रय मूल्य (एमआरपी) 8.8 रुपये होगा।