रोहतक। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में इंटर्न यूनियन की हड़ताल के चलते विवि के कुलपति डॉ ओपी कालरा ने 12 अप्रैल को होने वाला दीक्षांत समारोह रद्द कर दिया है। इंटर्न यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से अपनी समस्याओं व मांगों को लेकर भेंट करने चंडीगढ़ गया। यूनियन के नेताओं का कहना है कि यदि इस वार्ता में मांगों का समाधान नहीं हुआ तो उनका आंदोलन उग्र रूप धारण कर सकता है।

इंटर्न छात्रों ने कहा कि पीजीआई परिसर में चल रही उनकी हड़ताल को 8वां दिन व अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। पीजीआई प्रशासन उनकी मांगों पर कोई सहमति बनाने पर असमर्थ है क्योंकि उसका कहना है कि स्टाइपेंड बढ़ाने का मामला प्रदेश सरकार के अधीन है। भूख हड़ताल पर बैठे इंटर्न छात्रों की प्रशासन की ओर से सुध न लिए जाने से एमबीबीएस, बीडीएस व इंटर्न छात्रों में रोष व्याप्त है और वह भी उनके समर्थन में खड़े नजर आते है।

8 दिन से चली आ रही हड़ताल में बीडीएस के विद्यार्थी भी शामिल हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दिए गए आश्वासन की डोज़ का हड़ताली छात्रों पर कोई असर नहीं हुआ। भावी डाक्टरों की मांग  इंटर्नशिप का भत्ता 12000 रूपए से बढ़ाकर 18000 रूपए करने की है। उनका कहना है कि दिल्ली के कालेजों में 18 हजार दिया जा रहा है तो फिर हरियाणा के छात्रों को स्टाइपेंड 18 हाजर रूपए देने में क्या दिक्कत है?

कुलपति डॉ ओपी कालरा ने हड़ताली छात्रों से भेंट की और अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील की। लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे जिसके चलते इंटर्न की एक छात्रा का स्वास्थ्य बिगड़ गया। आनन फानन में उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। हड़ताली इंटर्न छात्रों का आरोप है कि अनशन पर बैठे विद्यार्थियों का मेडिकल चैकअप केवल दिन में एक बार ही किया जाता है जो कि उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने चेताया कि यदि उनकी मांगे शीघ्र पूरी नहीं हुई तो वो जल भी त्याग देंगे, जिसकी जिम्मेदारी पीजीआई प्रशासन पर होगी।

इंटर्न छात्रों की हड़ताल से पीजीआईएमएस में मरीजों की देखभाल में काफी झोल आ गया है और मरीज परेशान होने लगे है। जिसके चलते मरीजों के परिजन निजी अस्पताल की ओर रूख करने पर विवश हो गए है। जिससे उनपर आर्थिक बोझ पड़ने वाला है। यदि इंटर्न छात्रों की हड़ताल शीघ्र समाप्त नहीं होती है तो पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की चिकित्सा साख पर धब्बा लग सकता है।