बुलंदशहर। सिकंदराबाद के मुख्य हाईवे पर एक अस्पताल के बाहर बनी चाय की दुकान से नकली दवाओं का कारोबार चलाने का खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी और उसके गुर्गे इस दुकान पर बैठकर दवाएं सप्लाई करने के लिए ऑर्डर लेते थे। हालांकि, पुलिस की रेड के दौरान वहां से किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। गौरतलब है कि नकली दवाओं के काले धंधे का अमरोहा में भंडाफोड़ होने के बाद औषधि विभाग और पुलिस इन माफियाओं की तलाश में जुटी है। बताया गया है कि सिकंदराबाद में एक अस्पताल के बाहर बनी चाय की दुकान से इन नकली दवाओं का कारोबार संचालित किया जाता था। गिरोह का मुख्य सरगना हिमांशु और उसके साथी दिन-रात चाय की दुकान पर बैठकर मौके से ही डिमांड के आधार पर सेल्समैन को दवाओं की सप्लाई करते थे।

बता दें कि रुडक़ी स्थित एक फैक्ट्री से अमेरिका की कंपनी के नाम पर नकली दवाएं तैयार की जाती थीं। इन्हें मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, अमरोहा, नोएडा, दिल्ली समेत विभिन्न स्थानों पर सप्लाई किया जाता था। अमरोहा में दवाओं की खेप और आरोपी बुलंदशहर निवासी नीरज शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पूरे गैंग का खुलासा हुआ था। बुलंदशहर के औषधि निरीक्षक दीपालाल ने बताया कि पूरी कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देशन में की जा रही है। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उधर, मुरादाबाद के औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक का कहना है कि गैंग को पकडऩे के लिए लगातार टीमें दबिश दे रही हैं। आरोपी नीरज शर्मा ने पूछताछ में सिकंदराबाद स्थित एक चाय की दुकान से धंधा संचालित होना बताया था। छापेमार कार्रवाई के दौरान मौके पर कोई नहीं मिला।