पाली। जिले में अब एक ही फार्मासिस्ट के लाइसेंस पर कई मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे सैकड़ों मेडिकल स्टोर हैं जो किराए के लाइसेंस पर चल रहे हैं। लाइसेंस धारक के लाइसेंस पर दुकान भी चलती है और वह उसी लाइसेंस पर फार्मासिस्ट की नौकरी भी करता है। अब एक लाइसेंस पर एक ही कार्य हो सकेगा। फार्मासिस्टों पर नकेल कसने के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने ये कवायद शुरू कर दी है। विभाग की ओर से फार्मासिस्ट के लाइसेंस को आधार से जोडऩे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नए लाइसेंस धारकों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन एफएसडीए पोर्टल पर ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करना होगा। अब बिना आधार कार्ड के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी नहीं बन सकेगा और न ही लाइससेंस रिन्युअल हो सकेगा।

एक फार्मासिस्ट के नाम से एक ही पंजीयन होगा और यह पंजीयन 30 अप्रैल तक करवाना जरूरी है। अधिकारियों ने बताया कि कई फार्मासिस्ट ऐसे हैं, जिन्होंने अपने लाइसेंस किराए पर दे रखे हैं तथा स्वयं एमआर की नौकरी भी कर रहे हैं। दस्तावेज ऑनलाइन होने से फार्मासिस्ट के नाम सामने आ सकेंगे। अब नियमानुसार मेडिकल दुकान और एमआर की नौकरी एक साथ नहीं की जा सकेगी। जो फार्मासिस्ट है, वहीं मेडिकल दुकान संचालन करेगा। फार्मासिस्ट को एमएसओ आईडी बनाकर एमएसडीएयूपी डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें मेडिकल स्टोर संचालक व फार्मासिस्ट को अपना आधार नंबर भी दर्ज करना होगा। आधार नम्बर जिस मोबाइल से लिंक होगा। उसी पर ओपीटी आएगा। उसके बाद ही फार्मासिस्ट का पंजीयन होगा। जिला औषधि नियंत्रक दिनेश सुथार ने बताया कि फार्मासिस्टों के लाइसेंस को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू है। आधार से जुडऩे के बाद फार्मासिस्ट एक ही दुकान का संचानल कर पाएगा। सभी फार्मासिस्टों को आधार से लिंक करवाना होगा, नहीं तो लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है।