रायपुर (छ.ग.)। राजधानी में पीलिया ने अपने पैर पसार लिए हैं। पीलिया से प्रभावित लोगों की मौतों पर प्रशासन के लचर रवैये पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि क्षेत्र में घरों तक पाइप लाइन से पीने के पानी की सप्लाई नगर निगम करता है। कई क्षेत्रों में यह पाइप लाइन गंदी नालियों से होकर गुजर रही है। इसके चलते घरों में जो पानी सप्लाई किया जाता है, वह प्रदूषित होता हैं। प्रदूषित पानी के सेवन से पीलिया व डायरिया जैसी बीमारी फैल गई है। गंदे पानी के सेवन से फैली बीमारियों के कारण पिछले पांच वर्षोंं में 150 से अधिक मौतें सिर्फ राजधानी में हो चुकी हैं। राज्य के कुछ अन्य जिलों के शहरी क्षेत्रों में भी गंदे पानी सप्लाई की यही स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर नगर निगम द्वारा पाइप लाइन से प्रदूषित पीने के पानी की सप्लाई को लेकर चार वर्ष पूर्व बिलासपुर उच्च न्यायालय में लगाई गई जनहित याचिका पर न्यायालय ने कई बार दिशा-निर्देश जारी किए, लेकिन हालात जस के तस रहे। न्यायमित्रों मनोज परांजपे, अमृतो दास व सौरभ डांगी ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर राजधानी के पीलिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस टी.बी. राधाकृष्णन व शरद कुमार गुप्ता की बेंच के समक्ष पेश रपट में उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में हालत बेहद खराब हैं। पीलिया से इस वर्ष राजधानी में 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं 200 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। यह भी बताया कि निरीक्षण के लिए जाने पर रायपुर नगर निगम के अधिकारी सहयोग नहीं करते। राजधानी में पीलिया की वजह से महामारी के हालात हैं।
इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रशासन का रवैया बेहद लचर है। कोर्ट ने बेंच सरकार व प्रशासन को निर्देश दिया कि पीलिया प्रभावित क्षेत्रों के 34 हजार लोगों को 48 घंटे में राहत शिविरों में भेजें। यहां लोगों के खाने-पीने, दवाई आदि की व्यवस्था भी सरकार को करने के निर्देश दिए। साथ ही राहत शिविरों में भेजे गए लोगों के घरों व अन्य संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। उच्च न्यायालय से जारी हुए सख्त निर्देश की जानकारी जब निगम पहुंची तो प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी के पांच टैंकर भेजे गए। दूसरे दिन न्यायालय में निगम ने शपथपत्र प्रस्तुत कर प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था संबंधी जानकारी दी और बताया कि इन क्षेत्रों के लोगों को सूचना जारी कर पाइप लाइन के पानी का उपयोग नहीं करने की हिदायत दी गई है। इस पर बेंच ने इसे नाकाफी मानते हुए कहा कि नगर निगम टैंकरों से पानी की सप्लाई कर रहा है तो वह नागरिकों पर कोई एहसान नहीं कर रहा है।