लुधियाना। औषधि प्रशासन चौकन्ना हो तो अवैध कारोबार को किसी भी सूरत में पनपने नहीं दे सकता जिसका ताजा उदाहरण लुधियाना के औषधि प्रशासन को मिली सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई से स्पष्ट होता है।
 पुलिस तथा जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी को गुप्त सूचना मिली कि खुशदिल ट्रांसपोर्ट एसके ट्रांसपोर्ट पर फर्जी बिल्टी के माध्यम से भारी मात्रा में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित ट्रामाडोल दवा का जखीरा लुधियाना में पहुंच चुका है। यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो यह प्रतिबंधित दवा कई घरों को बर्बाद कर देगी। इस पर चौकसी से कार्यवाही करने के मन से पुलिस जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी दिनेश गुप्ता ने ड्रग इंस्पेक्टर रुपिंदर कौर तथा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर दबिश दी तो पाया कि सूचना सही थी।
 मौके पर बिल की जानकारी मांगे जाने पर ट्रांसपोर्ट कंपनियां कोई भी बिल नहीं दिखा पाई जो बिल्टी उनके हाथ में थी, उनकी सत्यता भी शक के घेरे में थी। ऐसे में सारे स्टॉक को पुलिस एवं औषधि प्रशासन ने कब्जे में ले लिया। जब ट्रांसपोर्ट कंपनी वालों ने बताया कि एप्पी फार्मा पर इस प्रकार की बिल्टी के माध्यम से दवाइयां उपलब्ध करवाते रहते हैं परंतु उन्हें यह जानकारी नहीं कि इन दवाओं से क्या लाभ या दुष्प्रभाव हो सकते हैं। औषधि प्रशासन व पुलिस ने एप्पी फार्मा पर दबिश दी तो वहां से भी ट्रामाडोल तथा अल्प्राजोलम भारी मात्रा में मिली जिसका कोई भी खरीदी रिकॉर्ड उनके पास नहीं था। तीनों जगहों से मिली इन प्रतिबंधित दवाओं की कुल कीमत लगभग 82 लाख रुपए आंकी जा रही है ।
इस बारे दिनेश गुप्ता ,रुपिंदर कौर तथा राज्य औषधि नियंत्रक प्रदीप मट्टू ने कहा की अवैध दवाओं के कारोबार को किसी प्रकार से भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मिथुन ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के नशा मुक्त समाज के सपने को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा सकती। इस टीम के एक अधिकारी ने बताया कि यह दवाएं संभवत: हरियाणा के एक औषधि निर्माता द्वारा निर्मित की गई। उन्होंने किस मंशा से इन दवाओं को पंजाब में विक्रय किया, इसकी जांच हरियाणा औषधि प्रशासन के साथ मिलकर पूरी की जाएगी ताकि नशे के कारोबार को किसी भी सूरत में फलने-फूलने ना दिया जा सके।