चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी ड्यूटी से छुट्टी लेकर निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ दायर याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, स्वास्थ्य महानिदेशक, रेवाड़ी के सिविल सर्जन और मेडिकल काउंसिल हरियाणा के रजिस्ट्रार को नोटिस दिया है। एडवोकेट विनीत जाखड़ ने याचिका दायर कर कहा था कि हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर ड्यूटी से नदारद रह कर निजी क्लीनिक चला रहे हैं। सिर्फ रेवाड़ी में ही 21 सरकारी डॉक्टर निजी क्लीनिक चला रहे हैं। इसकी वजह से सरकारी अस्पतालों में आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती।

जाखड़ ने रेवाड़ी के सिविल सर्जन पर ड्यूटी से नदारद रहने वाले डॉक्टरों की सरपरस्ती करने का आरोप लगाया है। याचिका में सरकारी डॉक्टर के खिलाफ सीएम विंडो में शिकायत दर्ज करवाने का जिक्र करते हुए कहा है कि शिकायत के बाद स्वास्थ्य निदेशालय ने इस डॉक्टर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। मगर ना तो इस डॉक्टर ने अब तक ड्यूटी ज्वाइन की है और ना ही जुर्माने का भुगतान किया है। सरकारी पदों पर बैठे इन डॉक्टरों के अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स की अनदेखी के आरोप लगाते हुए जाखड़ ने कहा है कि इन अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निष्पादन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है और ये अस्पताल अपने आस-पास प्रदूषण की समस्या उत्पन्न करते हैं। निजी अस्पताल चलाने वाले इन सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि इन डॉक्टरों का नाम राज्य के मेडिकल रजिस्टर से काटा जाना चाहिए। याची ने मेडिकल काउंसिल से भी इनके लाइसेंस रद किए जाने की मांग की है।