अहमदाबाद। आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट का मामला सामने आया है। गुजरात राज्य खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (जीएफडीसीए) ने नवसारी जिले के कांगवई गांव में एक रैकेट का भंडाफोड़ किया। खुद को मधुमेह विशेषज्ञ बताने वाला एक झोलाछाप डॉक्टर अपने मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के साथ मिश्रित आयुर्वेदिक गोलियां देता था। एफडीसीए अधिकारियों ने झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा मारा और लगभग 90 हजार रुपये मूल्य का औषधीय स्टॉक जब्त कर लिया।

संदिग्ध की पहचान गांव के निवासी इमरान सुलेमान मोलधरिया के रूप में हुई है। उसे वैध लाइसेंस के बिना एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण और वितरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एफडीसीए आयुक्त एचजी कोशिया ने कहा कि यह सिर्फ अवैध दवा उत्पादन का मामला नहीं है बल्कि यह जनता के विश्वास का उल्लंघन है।

वडोदरा में एफडीसीए प्रयोगशाला ने मोलधरिया के क्लिनिक से एकत्र किए गए 10 अलग-अलग दवा के सैंपल पर परीक्षण किया और पता चला कि गुलाबी गोलियों में 191 मिलीग्राम मेटफॉर्मिन एचसीएल था। प्रत्येक हरी गोली में 222 मिलीग्राम मेटफॉर्मिन एचसीएल और अतिरिक्त 0.35 मिलीग्राम ग्लिबेंक्लामाइड मिला, जो एक अन्य एलोपैथिक मधुमेह विरोधी दवा है। भूरे रंग की गोलियों में 104 मिलीग्राम विल्डाग्लिप्टिन था, जो एक आधुनिक मधुमेह विरोधी दवा है।