रायबरेली (उप्र)। एंटीबायोटिक दवाइयां दूसरी जांच में भी फेल पाई गई हैं। एंटीबायोटिक दवाएं बनाने वाली मेरठ की कंपनी ने पहली जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। उसके अनुरोध पर कोर्ट ने दोबारा जांच कराने के आदेश दिए। सेंट्रल लैब कोलकाता में जांच हुई तो वहां भी सैंपल फेल हो गए। इसके बाद दवा कंपनी और मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में केस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यह है मामला
ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह ने शहर की चंद्रिका एजेंसी से सिपोज्वाय-200 और तिवारी मेडिकल स्टोर गुरुबख्शगंज से सेटट्रान-200 दवा का सैंपल लिया था। सैंपल को जांच के लिए मेरठ लैब में भेजा था। वहां से दोनों दवाओं के सैंपल फेल आए। मेरठ की स्ट्रोन फॉर्मास्युटिकल कंपनी ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए दोबारा जांच कराने का अनुरोध किया था।
कोर्ट के आदेश पर सैंपलों को जांच के लिए सेंट्रल लैब कोलकाता भेजा गया। सेंट्रल लैब में भी दवाओं में जरूरी तत्व मानक से कम मिले। फिलहाल दुकानदारों को 5155 बैच नंबर की सिपोज्वाय-200 और 5251 बैच नंबर की सेप्ट्रान-200 दवाओं की बिक्री न करने को कहा है। साथ ही उक्त दवाइयां कंपनी को वापस करने के आदेश दिए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि दवा कंपनी को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।