बेंगलुरु। निमोनिया के मामलों में वृद्धि के पीछे एंटीबायोटिक का अधिक इस्तेमाल पाया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि बेंगलुरु में बच्चों में निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं। यहां तक कि टीका लगवाने वाले बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं। इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता जताई गई है। इससे मानक उपचार कम प्रभावी हो रहे हैं और कई रोगियों को ठीक होने में कठिनाई हो रही है।

फोर्टिस अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और इंटेंसिविस्ट डॉ. योगेश कुमार गुप्ता ने बताया कि रोजाना बच्चों में निमोनिया के करीब 10 मामले मिल रहे हैं। इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण एंटीबायोटिक प्रतिरोध है। निमोनिया के इलाज में जिन बुनियादी दवाओं पर भरोसा करते थे, वे अब उतनी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही हैं। डॉ. गुप्ता ने इस प्रतिरोध में वृद्धि का कारण काउंटर पर एंटीबायोटिक दवाओं की आसान उपलब्धता को बताया है।