नई दिल्ली। आई ड्रॉप प्रेस्वू पर बाजार में आने से पहले ही रोक लगा दी गई है। कंपनी ने नजर का चश्मा हटाने का दावा किया था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने इस दवा के उत्पाद और ब्रिकी के लिए दिया गया लाइसेंस अगले आदेश तक कैंसिल कर दिया है।

एनटोड फार्मा की है ये दवा

बता दें कि इस दवा को मुंबई स्थित एनटोड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने बनाया था। कंपनी ने दावा किया था कि इसके नियमित इस्तेमाल से नजर का चश्मा हट सकता है। गौरतलब है कि इस दवा के बारे में सोशल मीडिया पर किए गए दावों को लेकर कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। कंपनी के जवाब की समीक्षा करने के बाद यह स्पष्ट है कि वे प्रश्नों का पर्याप्त रूप से समाधान करने में विफल रहे हैं। कंपनी ने जरूरी स्वीकृति लिए बिना उत्पाद के लिए दावों को उचित ठहराने का प्रयास किया।

भारत के औषधि महानियंत्रक ने इस दवा को मंजूरी दी थी। इसके बाद कंपनी ने कहा था कि वह अक्टूबर, 2024 तक दवा को बाजार में उतारने की तैयारी में है। कंपनी के अनुसार एक ड्रॉप की कीमत करीब 350 रुपये होगी। कंपनी का कहना था कि ये दवा प्रेसबायोपिया से प्रभावित लोगोंं के लिए नजर के चश्मे पर निर्भरता कम करने के लिए विकसित की गई है।

प्रेसबायोपिया आमतौर पर 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। इसमें पास की चीजों को देखने में परेशानी होती है। दवा की एक बूंद 15 मिनट में काम शुरू कर देती है, जिसका असर 6 घंटे तक रहता है। दवा को मंजूरी मिलने के बाद से ही डॉक्टरों ने इसके दावों पर सवाल उठाए थे। इस ड्रॉप को डालने से लोगों को कुछ घंटों के लिए साफ नजर आ सकता है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं।