गोरखपुर, जेएनएन। औषधि प्रशासन विभाग ने मंगलवार को रेमडेसिविर की कालाबााजारी का पर्दाफाश किया है। 1299 रुपये की रेमडेसिविर 18 हजार रुपये में बेचने आए दो युवकों को ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने धर्मशाला बाजार चौकी की पुलिस की मदद से पकड़ लिया। दोनों के पास से दो रेमडेसिविर वायल बरामद किए गए। आरोपितों ने बताया कि उन्होंने गांधी गली स्थित एक नर्सिंग होम से रेमडेसिविर चुराया है।

औषधि प्रशासन विभाग ने धर्मशाला बाजार में दो युवकों से बरामद किया दो वायल
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी की सूचना पर जांच कराई जा रही थी। पता चला कि दो युवक धर्मशाला बाजार में किसी को दो रेमडेसिविर वायल देने आ रहे हैं। युवकों ने दोनों वायलों का 36 हजार रुपये मांगा था। शाम तकरीबन 4:35 बजे बाइक से दो युवक पहुंचे। इनको हिरासत में लेकर तलाशी ली गई तो दो रेमडेसिविर वायल बरामद हुए।

पूछताछ में एक युवक ने अपना नाम जीत गुप्ता निवासी चंद्रपुर थाना रामकोला जिला कुशीनगर बताया। दूसरे युवक ने अपना नाम दीपक चौरसिया निवासी धस्की कौड़ीराम थाना बासगांव बताया। कार्रवाई में औषधि प्रशासन विभाग के मोहन तिवारी भी शामिल रहे।

गोरखनाथ थाने के प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह ने कहा कि आरोपितों को हिरासत में ले लिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ जालसाजी व विश्वास का आपराधिक हनन करने का केस दर्ज कर बाइक सीज कर दी गई है।

मरीज मरे, इनको कोई परवाह नहीं

रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमितों को इलाज में इस्तेमाल की जाती है। संक्रमण बढ़ने पर इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से मरीज को फायदा होता है। नर्सिंग होम से इंजेक्शन चुराने की बात सामने आने पर अफसर भी चौंक गए। अफसरों का कहना है कि मरीज को इंजेक्शन न लगकर इसे बेचा जा रहा था। ऐसी स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है।

पीपीगंज के एक वाट्सएप ग्रुप में डाला गया था नंबर
कस्बे के नागरिकों ने कोरोना संक्रमितों की सहायता के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप पर एक युवक ने रेमडेसिविर की उपलब्धता के लिए आरोपितों का मोबाइल नंबर डाला था। जैसे ही यह नंबर ग्रुप में पड़ा लोगों ने अपने स्वजन को रेमडेसिविर उपलब्ध कराने के लिए आरोपितों से संपर्क किया। एक व्यक्ति का आडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसमें वह व्यक्ति एक आरोपित से रेमडेसिविर की छह वायल देने का अनुरोध कर रहा है। व्यक्ति ने आरोपित से इंजेक्शन की कंपनी और एमआरपी के बारे में पूछा तो आरोपित ने 1299 रुपये बताए। व्यक्ति ने पूछा कि 1299 रुपये में उसे इंजेक्शन मिल जाएगा तो आरोपित ने कहा कि 18 हजार रुपये देने पड़ेंगे। साथ ही कहा कि अभी वह दो इंजेक्शन ले लें, बाकी इंजेक्शन वह एक-दो दिन में उपलब्ध करा देंगे। व्यक्ति ने हामी भरी तो उसे धर्मशाला बाजार आकर फोन करने के लिए कहा गया।

आरोपित का कृत्य दवाओं की कालाबाजारी और मरीजों की जान से खिलवाड़ करने की श्रेणी में आता है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के इलाज में किया जाता है। इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में रखा जाता है। आरोपितों ने इंजेक्शन को सामान्य तापमान पर बैग में रखा था। – जय सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर।