देवा (बाराबंकी)। इलाज के नाम पर खिलवाड़ करने के आरोप में तीन अस्पतालों पर केस दर्ज किया गया है। मानकों की अनदेखी कर बिना विशेषज्ञ चिकित्सकों के महिलाओं की डिलीवरी कराने वाले तीन अस्पताल संचालकों पर केस दर्ज करवाया गया है। जांच टीम तीनों अस्पतालों को पहले ही सील कर ताला लगा चुकी है।

यह है मामला

गौरतलब है कि देवा क्षेत्र में निजी अस्पताल संचालक मानकों की अनदेखी कर इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। बीते दिनों एक प्राइवेट अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया था। डीएम सत्येंद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच के लिए भेजा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पतालों पर छापामारी कर जांच पड़ताल की थी।

इस दौरान प्रखर हॉस्पिटल, बालाजी हॉस्पिटल व जीवन ज्योति अस्पताल में बिना किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की मौजूदगी के ही भर्ती गर्भवतियों के सिजेरियन किए जा रहे थे। इस पर तीनों अस्पतालों को सील करने की कार्रवाई की गई थी।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. राधेश्याम गौड़ की लिखित शिकायत पर पुलिस ने प्रखर हॉस्पिटल के संचालक शशांक सिंह, बालाजी अस्पताल के संचालक भानु प्रताप सिंह व जीवन ज्योति अस्पताल के संचालक अनिल कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी करने व भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।