चेन्नई। पेट के कैंसर का पता लगाने के लिए क्लॉडिन 18.2 परीक्षण शुरू कर दिया गया है। डायग्नोस्टिक कंपनी एजिलस डायग्नोस्टिक्स ने एक अभूतपूर्व डायग्नोस्टिक टूल, क्लॉडिन 18.2 टेस्ट के लॉन्च की घोषणा की है। बता दें कि यह पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी में डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी है।
गौरतलब है कि गैस्ट्रिक कैंसर भारत में पुरुषों में पांचवां सबसे आम कैंसर और महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है। रोग की आक्रामकता और बेहतर चिकित्सीय विकल्पों की आवश्यकता कैंसर देखभाल में परिणामों को बेहतर बनाने के लिए क्लॉडिन 18.2 परीक्षण जैसे नवाचारों को महत्वपूर्ण बनाती है।
इस बायोमार्कर की सटीक पहचान प्रदान करके, यह परीक्षण ऑन्कोलॉजिस्ट को महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह लक्षित उपचारों के लिए योग्य रोगियों की पहचान करने, कैंसर के उपचार में परिणामों को बेहतर बनाने और व्यक्तिगत चिकित्सा को बढ़ावा देने में सहायता करता है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. आनंद के ने कहा कि क्लाउडिन 18.2 आधुनिक ऑन्कोलॉजी में विशेष रूप से गैस्ट्रिक कैंसर के रोगियों के लिए जरूरी बायोमार्कर है। एक स्वीकृत लक्ष्यीकरण एंटीबॉडी के साथ, यह परीक्षण न केवल नैदानिक सटीकता को बढ़ाता है बल्कि व्यक्तिगत चिकित्सा के अंतर को भी पाटता है। यह चिकित्सकों को उपचार को अनुकूलित करने और रोगी के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार करने के लिए सशक्त बनाता है।