नई दिल्ली। दवा की डोरस्टेप डिलीवरी मामले को लेकर समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें जाना गया है कि क्या लोगों को उनके घर के दरवाज़े पर दवाएँ मिलनी जारी रह सकती हैं। यह मुद्दा ऑल-इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स के साथ जांच के दायरे में आ गया है, जो दवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी की अनुमति देने वाली सरकारी अधिसूचना को वापस लेने की मांग कर रहा है।
यह है मामला
सरकार ने 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लोगों को उनके घर के दरवाज़े पर दवाएँ देने की अनुमति दी थी। पिछले हफ़्ते ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने इस मामले को उठाया था। इसकी बैठक के मिनट्स के अनुसार, दवा संगठन ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और अधिसूचना को वापस लेने पर विचार करने से पहले मामले की विस्तार से जांच करने के लिए एक उप-समिति गठित करने की सिफारिश की।
दवा कारोबारियों ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म द्वारा इसके दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए अधिसूचना को वापस लेने की मांग की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा संगठन से अपनी सिफारिश देने को कहा। गौरतलब है कि मार्च 2020 की अधिसूचना में कुछ शर्तों के तहत दवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी की अनुमति दी गई थी, जैसे कि दवाओं की बिक्री के लिए पर्चे पर मुहर लगाना जरूरी आदि।