आगरा। लाइसेंस के बगैर नशीले इंजेक्शन की खेप आगरा से हरियाणा लाई गई थी। इस बात का खुलासा गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में किया है। एविल और प्रतिबंधित डुपरेनारफिन दोनों इंजेक्शन को मिलाकर नशे में प्रयोग किया जा रहा था। इस तस्करी के तार आगरा और फिरोजाबाद से जुड़े पाए गए हैं।

यह है मामला

हरियाणा स्टेट एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जिला झज्जर के बहादुरगढ़ से साहिल राठी और सुमित को बड़ी संख्या में एविल और प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह नशे के इंजेक्शन फिरोजाबाद के दिनेश से लेते थे। टीम ने दस नवंबर को दिनेश को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
दिनेश ने बताया था कि वह नगला रामबल, ट्रांस यमुना के गौरव गुप्ता से माल खरीदता था। इसे हरियाणा में साहिल राठी ओर सुमित उर्फ चिंटू को देता था।

ब्यूरो ने 10 नवंबर को नगला रामबल में छापा मारकर नशे के इंजेक्शन का कारोबार करने वाले आरोपित गौरव गुप्ता को गिरफ्तार किया था। उसे कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेकर आगरा पहुंची थी। टीम के साथ आरोपित गौरव गुप्ता को लेकर आगरा पहुंचे। टीम ने आगरा के ड्रग इंस्पेक्टर कपिल शर्मा और औषधि विभाग की निशानदेही पर छलेसर स्थित गोदाम से 36 पेटी एविल और एक पेटी प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन की बरामद की।

गौरतलब है कि केमिस्ट प्रतिबंधित डुपरेनारफिन इंजेक्शन को सीमित मात्रा में ही रख सकते हैं। इसे बेचने और खरीदने का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है। यह इंजेक्शन बेहद तेज दर्द, सीजर आपरेशन में ही डाक्टर देते हैं। आरोपित गौरव गुप्ता के पास से प्रतिबंधित इंजेक्शन की बरामद मात्रा तीन किलोग्राम है। इसका कोई रिकॉर्ड आरोपित के पास नहीं था। उसने राष्ट्रीय राजमार्ग पर छलेसर में अपना गोदाम बना रखा था। वहीं से माल की सप्लाई करता था।